हरियाणा

अपनी मांगों को लेकर जिले भर के सरपंच सरकार के खिलाफ उतरे सड़कों पर..

सत्यखबर,फतेहाबाद( जसपाल सिंह   )

Punjab-Haryana water dispute: पंजाब-हरियाणा पानी विवाद में नया मोड़! क्या हरियाणा को मिलेगा पानी या पंजाब दिखाएगा और सख्ती
Punjab-Haryana water dispute: पंजाब-हरियाणा पानी विवाद में नया मोड़! क्या हरियाणा को मिलेगा पानी या पंजाब दिखाएगा और सख्ती
प्रदेश भर में लम्बे समय से अपनी मांगों को लेकर सरपंच सरकार के खिलाफ हुए लामबंद, सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा प्रदर्शन कर की जमकर नारेबाजी, सरपंच व ग्राम सचिव अब सरकार के खिलाफ आर/पार की लड़ाई लड़ने का किया एलान, जिले भर के आज सरपंच,पंच, ग्रामसचिव,मुख्यमंत्री के नाम डीसी को सौंपा ज्ञापन, सरपंच पिछले काफी दिनों से सरकार की पंचायत ऑनलाइन योजना का विरोध कर रहे हैं,पंचायतों की मांग है कि ऑनलाइन करने से पहले उन्हें जानकारी,परिपूर्ण स्टाफ और जगह मुहैया करवाये बाद में लागू करे ऐसी योजना, साथ ही विकाश कार्य हेतु जल्द ग्रांट जारी करे,अगर मांगे नही मानी गयी तो सरपंच सरकार की अन्य योजनाओ योजना । प्रदेश भर की ग्राम पंचायतों के द्वारा बार-बार मांग करने के बावजूद सरकार की तरफ से विकास कार्यों के लिए ग्रांट जारी नहीं की जा रही। जिसके विरोध में जिले के सरपंचों ने सरकार के खिलाफ जमकर भंड़ास निकाली है। प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए सरपंच सरकार के फैसलों के खिलाफ लामबद्ध हो गए है। इन सरपंचों ने फतेहाबाद जिला मुख्यालय पर वीरवार को पंचायत भवन में एकत्रित होकर एक बैठक की और सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए। बैठक के बाद वे विरोध प्रदर्शन करते लघु सचिवालय पहुंचे। जहां पर उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा।  सरपंचों का कहना था कि हरियाणा सरकार झूठ की राजनीति कर रही है। जिसका स्पष्ट प्रमाण इसी बात से चलता है कि प्रदेश में भाजपा की सरकार बने हुए करीब तीन साल होने को हैं। लेकिन इन तीन सालों में सरकार ने ग्रामीण आंचल के विकास के लिए किसी भी ग्राम पंचायत को ग्रांट देने की बजाय केवल कानून बनाने के अध्ययन में जुटी है। सरपंचों ने यह भी कहा कि अब सरकार पढ़ी-लिखी पंचायतों के अधिकार छीनने का प्रयास ई-टेंडरिंग प्रणाली के जरिए कर रही है। लेकिन सरकार के इन प्रयासों को किसी भी सूरत में सफल नही होने दिया जाएगा।  उनका कहना था कि गांव का विकास कैसे होगा जबकि आज तक सरपंचों को उनके अधिकार ही नहीं दिए गए हैं। उन्होंने सरकार से ई-टेंडरिंग प्रणाली तुरंत प्रभाव से वापिस लेने की सरकार से मांग की और यह भी चेतावनी दी कि यदि सरकार ने जल्द ही सरपंचों के अधिकार बहाल नही किए तो सरपंच अपना हस्तिफा दे कर पूरे प्रदेश में एक बड़ा आंदोलन खड़ा कर दिया जाएगा।

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