सत्यखबर हरियाणा (ब्यूरो रिपोर्ट) – हरियाणा प्रदेश कांग्रेस में अब एक बात साफ हो गई है कि पार्टी में वर्चस्व को लेकर पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा बनाम प्रदेशाध्यक्ष डॉ.अशोक तंवर में सीधी लड़ाई रहेगी। इन दोनों बड़े नेताओं की लड़ाई में राज्य कांग्रेस अन्य वरिष्ठ नेता तटस्थ हो गए है। असल में तंवर ने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव गुलाम नबी आजाद की नसीहत के बाद भी चुनाव योजना एवं प्रबंधन कमेटी (अब ग्रुप) की बैठक आयोजित करके उन नेताओं को भी अपने से दूर कर लिया है जो कई मुद्दों पर उनका साथ देते रहे थे।
आजाद से सीधे टकराने के बाद प्रदेशाध्यक्ष को हुड्डा के अलावा दूसरे बड़े नेताओं का नहीं मिलेगा साथ
अब तक अशोक तंवर के साथ पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अजय यादव, कुमारी सैलजा व रणदीप सुरजेवाला जैसे नेता नजर आ रहे थे। तंवर ने अब कमेटी का नाम बदलकर ग्रुप कर दिया है, लेकिन उन्होंने बैठक कर गुलाम नबी आजाद को भी सीधी चुनौती दे दी है।
सुदेश अग्रवाल की अध्यक्षता में कमेटी की हुई बैठक में केवल तंवर व अग्रवाल ही शामिल हुए। किरण चौधरी भी तंवर से इसलिए नाराज हैं कि वह किसी को भी साथ लेकर नहीं चलते। तंवर ने किरण के विधानसभा में विपक्ष के नेता पद के लिए भी कोई पैरवी नहीं की। इससे भी वह नाराज हैं। यही कारण है कि तंवर द्वारा गठित कमेटी का सबसे पहला विरोध उन्होंने ही किया।
इसके बाद कुलदीप बिश्नोई और कैप्टन अजय यादव ने भी अपनी नाराजगी जताई। सूत्र बताते हैं कि तंवर को अभी हुड्डा के खिलाफ खेलने के लिए 15 दिन और मिलेंगे। इस दौरान वह पार्टी आलाकमान के सामने यह साबित करने का प्रयास करेंगे कि वह जो भी संगठन की मजबूती के लिए काम करना चाहते हैं, हुड्डा और प्रदेश प्रभारी गुलाम नबी आजाद मिलकर उन्हें काम नहीं करने दे रहे हैं।
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