सत्यखबर सफीदों, (महाबीर) – प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा सफीदों के महाराजा जनमेजय स्टेडियम में लगाए गए मेले में आने वाले लोग ब्रह्मकुमारी बहनों व भाईयों से जीवन के गुढ रहस्यों को जान रहे हैं। इसके अलावा राजयोग शिविर के माध्यम से लोगों को जीवन जीने की कला सिखाई जा रही है। विभिन्न ख्शिक्षण संस्थानों से आए विद्यार्थियों ने यहां पर जीवन में वैल्यू ऑफ गेमस क्या हैं, उसका खेल-खेल में ज्ञान प्राप्त किया। मेले के बारे में जानकारी देते हुए सफीदों सेवाकेंद्र संचालिका ब्रह्मकुमारी बहन स्नेह ने बताया कि यह मेला केवल मनोरंजन के भाव से नहीं लगाया गया बल्कि आध्यात्मिकता के साथ-साथ मनोरंजन का भी समावेश किया गया है।
उन्होंने कहा कि आज हर कोई किसी न किसी बात को लेकर तनाव व मानसिक परेशानी से घिरा हुआ है। कोई तन से, कोई मन से तो कोई धन से बीमार है। कोई-कोई तो ऐसे भी हैं जो दुखी होकर आत्महत्या तक करने की सोच रहा है। ऐसी परिस्थिति में यह मेला मानव की आत्मिक उन्नति करने के साथ-साथ उसका आत्मविश्वास भी बढ़ाने का कार्य कर रहा है।
ब्रह्मकुमारी बहन रजनी ने कहा कि मेले में व्यवस्था इस प्रकार से की गई है कि मेले में आने वाले हर व्यक्ति को मनोरंजन के साथ-साथ सम्ंपूर्ण आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त हो सके। इसके लिए करीब 8 पंडाल बनाये हुए है जहां हरेक पंडाल में अनेक विषयों जैसे आत्मदर्शन, परमात्म परिचय, सृष्टि चक्र का ज्ञान, राजयोग, शांत्ति की अनुभूति और तीन अलग-अलग कक्ष हेल्थ, वेल्थ व हैप्पीनेस के लगे हुए। पानीपत से आई ब्रह्मकुमारी बहन सुनीता ने कहा कि भारत के प्राचीन राजयोग के ज्ञान को यहां इतना सरल तरीके से दर्शाने का प्रयास किया गया है जिसके परिणामस्वरूप छोटे बच्चे से लेकर बूढ़े व अनपढ़ लोग भी समझ पा रहे हैं और अपनी अभिरुचि दिखा रहे हैं।
इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि एक ही व्यक्ति आध्यात्मिक प्रदर्शनी को देखने व सुनने के लिए मेले में बार-बार आ रहा है। मेला संयोजक ब्रह्मकुमार कर्ण ने बताया कि ज्यादातर लोग केवल 4 युगों के बारे में जानते हैं और जब यहां उनको बताया जाता है कि कलयुग और भविष्य में आने वाले सतयुग के बीच के समय को पुरुषोत्तम संगमयुग कहा जाता है। यह वही संगमयुग का समय चल रहा जबकि परमात्मा शिव स्वयं धरा पर आकर अपना परिचय और तीनो कालों, तीनो लोकों का ज्ञान दे रहे हैं। ब्रह्मकुमार मोहन ने बताया कि सोमवार को इस मेले को देखने के लिए सफीदों के अलावा काफी तादाद में लोग पानीपत, जींद व नरवाना से भ्भी पहुंचे हैं।
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