सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
कौन कहता है कि परिवार की आर्थिक स्थिति ही किसी की सफलता का मूल कारण होती है। यदि कड़ी मेहनत की जाए, तो आर्थिक स्थिति भी बौनी साबित हो जाती है। ऐसा ही कारनामा कर दिखाया है नरवाना के गांव उझाना निवासी व पीजीआई रोहतक में माली के पद पर सेवारत धर्मबीर चहल के बेटे विक्रांत चहल ने। जिसका अपनी काबिलियत के बल पर पेटेंट परीक्षक के पद पर चयन हुआ है। जिसको पूरे गांव के लिए गर्व की बात कही जा सकती है। गांव में स्थित प्रयास सेवा समिति के प्रधान सुरेश कुमार ने बताया कि विक्रांत चहल का वाणिज्य मंत्रालय अधीन कंट्रोलर जनरल ऑफ पेटेंटस डिजाइन एंड ट्रेड मार्क विभाग में चयन होना ग्रामीण आंचल के बेटे के लिए बहुत बड़ी बात है, क्योंकि विक्रांत की इस उपलब्धि से बेरोजगार युवकों को मार्गदर्शन के साथ-साथ नई शक्ति मिलेगी और वे अपना मार्ग प्रशस्त करने में कामयाब होंगे।
मेहनत व लगन से चढ़ा सोपान
ग्रामीणों ने बताया कि विक्रांत ने अपनी बीएससी की पढ़ाई महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक से की और तब के बाद पीछे मुड़ कर नहीं देखा। उसने फिर दिल्ली से एमएससी रसायन शास्त्र की डिग्री ली और गत वर्ष उसने नेट क्लीयर करने के साथ-साथ जूनियर रिसर्च फैलोशिप में समस्त भारत में 25वां स्थान प्राप्त किया। अब विक्रांत चहल पेटेंट परीक्षक के पद पर रहते हुए किसी भी नए आविष्कार अथवा उत्पादन का परीक्षण करके उसे पेटेंट करेगा और उसका स्वामित्व प्रदान करेगा।
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विक्रांत चहल ने इस उपलब्धि का श्रेय अपने गुरुजनों विशेषकर अपने पिता धर्मबीर चहल को दिया, जिन्होंने चतुर्थ श्रेणी की नौकरी करते हुए भी कोई कमी नहीं आने दी। ये सब पिता जी के आशीर्वाद का ही परिणाम है कि वह इस मुकाम तक पहुंच पाया है।
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