सत्यखबर, नूंह (ऐ के बघेल)
इक्कीस साल पहले मेवात विकास अभिकरण ( एमडीए ) नूंह में लाखों की चपत लगाने वाले लेखा लिपिक को विजिलेंस गुरुग्राम की टीम ने बुधवार को दबोचने में सफलता प्राप्त कर ली है। 21 साल के इस अर्से में कर्मचारी अपने पद से सेवानिवृत होकर अपने घर चैन से जिंदगी गुजार रहा था , लेकिन कानून के लंबे हाथ उसकी गर्दन तक पहुंच गए। बुजुर्ग कर्मचारी अब विजिलेंस के शिकंजे में आ चुका है , जिसे कोर्ट में पेश करने की तैयारी है। जानकारी के मुताबिक वर्ष 1997 में पूर्व पीएम इंद्र कुमार गुजराल मांडीखेड़ा गांव में आये थे , उसी दौरान पुन्हाना में एमडीए की तरफ से एक मेला लगाया था। मेला में खर्च एक कमेटी का गठन किया हुआ था , लेकिन कमेटी के बजाय जीप लेकर लेखा लिपिक सुभाष बंसल को दिल्ली फूल , गुब्बारे लेने के लिए भेज दिया। विजिलेंस के मुताबिक 2000 -2500 के तीन टोकरी फूल के बदले 84600 रुपये , गुब्बारे के 500 रुपये की एवज में 21800 रुपये और टेंट में करीब 480000 रुपये के बजाय 916000 रुपये वसूले गए। उपरोक्त मामले में विजिलेंस ने वर्ष 2014 में जांच के बाद मामला दर्ज कर लिया। विजिलेंस को उसी समय से आरोपी की तलाश थी। विजिलेंस के मुताबिक इसी मामले में इंद्र सैन बजाज केशियर को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी। बजाज इन दिनों गुरुग्राम में हैं और बीमार हैं , उन्हें भी शामिल तफ्तीश किया गया। कुल मिलाकर विजिलेंस ने अब पुराने केसों की कुंडली खंगालनी शुरू कर दी है। कई सालों से लंबित पड़े गबन के मामलों में एक साथ नूंह मेवात से दो आरोपियों की गिरफ्तारी से गबन में शामिल रहे लोगों की नींद उड़ गई है।
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