सत्यखबर रोहतक (दिनेश कौशिक) – हरियाणा कर्मचारी महासंघ की मांगों पर विचार करने के लिये सरकार ने कर्मचारी नेताओं के साथ बैठक करने के लिये उन्हें मुख्यमंत्री आवास पर 20 जुलाई को बुलाया है। इस बार कर्मचारी नेताओं को मौखिक तौर पर नही बल्कि लिखित में पत्र देकर बुलवाया है। अब देखना है कि कर्मचारी नेताओं के साथ मीर्टिग कितनी सार्थक होगी ये तो 20 जुलाई को ही पता लगेगा। लेकिन सरकार के झुकने का एक कारण ये भी हो सकता है कि आगामी दिनों में हरियाणा में विधानसभा के चुनाव है और सरकार कोई भी रिस्क शायद लेना नही चाहती।
हरियाणा कर्मचारी महासंघ पिछले काफी समय से अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत रहा है लेकिन सिवाय आश्वासन के उनकी मांगों को अमली जामा नही पहनाया गया। इस बार सरकार ने खुद पहल करते हुए कर्मचारी नेताओं को लिखित में प. देकर उन्हें उनकी मांगों पर विचार करने के लिये उन्हें वार्ता के लिये बुलाया है। कर्मचारी नेताओं का कहना है कि वे आज भी सरकार से वार्ता के लिये तैयार है। कर्मचारी नेताओं का कहना है कि उनकी मांगों में कच्चे कर्मचारियों को पक्का करना, 2016 से 7वें पे कमीशन को ललागू करना, पुरानी पैंशन नीति को बहाल करना, रिस्क अलाउंस देना, नीजिकरण पर रोक लगाना और नये पदों की भर्ती करना शामिल है।
कर्मचारी नेताओं का कहना है कि साल 2018 में परिवहन की हडताल के दौरान किलामीटर स्कीम को रद्द करवाने के लिये प्रदेश के तमाम कर्मचारियों प8र की गई प्रताडना को समाप्त करने की मांग की जायेगी। उन्होंने कहा कि कर्मचारी महासंघ आज भी आंदोलनरत है और अगर बैठक सकारातमक नही होती तो जुलाई के अंतिम सप्ताह में संगठन प्रतयेक जिला मुख्यालयों पर उपायुक्त के माध्यम से सी एम के नाम ज्ञापन सौंपे जायेंगे।
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