सत्यखबर दिल्ली
पूर्व सांसद अशोक तंवर हरियाणा ही नहीं, बल्कि देश की राजनीति में नया धमाका करने को तैयार हैं। 25 फरवरी को वह नया मोर्चा बनाने जा रहे हैं और इसको लेकर देशभर में 25 से अधिक शहरों में वेबीनार के जरिये समर्थकों को अधिक से अधिक संख्या में जोड़ेंगे।
मुख्य कार्यक्रम दिल्ली व चंडीगढ़, पंजाब, उतराखंड व उतरप्रदेश में आयोजित किए जाएंगे। अशोक तंवर से जुड़े समर्थक बताते हैं कि 25 फरवरी को ही वह मोर्चा का नाम घोषित करेंगे। हरियाणा की बात करें तो चंडीगढ़ के अलावा भिवानी, महेंद्रगढ़ सहित अधिकांश बड़े शहरों में अशोक तंवर समर्थक जुड़ेंगे। दिल्ली में मुख्य कार्यक्रम करने के पीछे उनकी राष्ट्रीय राजनीति में नए मोर्चा की मौजूदगी का अहसास करवाने की सोच है। हालांकि अभी उन्होंने अपनी रणनीति का खुलासा नहीं किया है पर आने वाले समय में हरियाणा में तीसरे मोर्चे की संभावनाओं को भी तलाशा जा सकता है।
बता दें कि 2019 के विधानसभा चुनावों में अशोक तंवर ने उनके समर्थकों को टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर न केवल कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष पद से त्याग पत्र दे दिया था, बल्कि कांग्रेस को ही अलविदा कर दिया था। अपना फायदा देखने की बजाए समर्थकों के लिए कुर्बानी देने वाले अशोक तंवर ने हरियाणा विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को हराने में अहम रोल अदा किया था। इसके बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि अशोक तंवर नई पार्टी का गठन करेंगे। लेकिन अशोक तंवर अभी तक सार्वजनिक मंचों पर अलग पार्टी बनाने की बात से इंकार करते रहे हैं।
अब नया मोर्चा बनाकर वह राष्ट्रीय राजनीति के अनुभव, अखिल भारतीय कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव, युवा कांग्रेस व एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष होते हुए बने संबंधों को नए सिरे से तराशने जा रहे हैं।हरियाणा कांग्रेस के वह 5 साल 8 महीने तक प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं। उनका फोकस केवल हरियाणा न होकर राष्ट्रीय राजनीति पर रहेगा। इस मोर्चा के मैदान में उतरने के बाद राष्ट्रीय राजनीति में नई हलचल पैदा होने की बात से इंकार नहीं किया जा सकता है।
उनका यह मानना है कि आम जनता के शोषण के खिलाफ लड़ाई लड़कर पूरे देश में नया नेतृत्व तैयार करने के लिए इस मोर्चे की शुरूआत का लक्ष्य है। विपक्ष अपनी भूमिका नहीं निभा पा रहा है।किसानों के हक की लड़ाई में विपक्ष कमजोर साबित हुआ है। इन हालात में यह मोर्चा आम जनता की लड़ाई लड़ेगा और वर्तमान राजनीति का वैकल्पिक बनेगा
आ रहा है जनता का मोर्चा
अभी मोर्चा बनाया जा रहा है। इसका मकसद राजनीति के साथ-साथ समाज सेवा है।इसके साथ ही जनता के लिए जनता के द्वारा बनाया जाने वाला यह मोर्चा होगा। इस मोर्चे में अच्छी छवि के लोगों को जोड़ा जा रहा है। एेसा पहली बार होगा, जिसमें बड़े घरानों से जुड़े राजनेताओं की बजाए आम जनता के लोग होंगे। 25 फरवरी को मोर्चा की स्थापना कर दी जाएगी। इसके नाम की घोषणा भी 25 फरवरी को ही होगी।
कोविड-19 को देखते हुए फैसला किया गया है कि ज्यादा भीड़ एक जगह न बुलाई जाएगी। दिल्ली व चंडीगढ़,उतरप्रदेश, उतराखंड व पंजाब में मुख्य कार्यक्रम होंगे और देशभर के 25 शहरों में जिला स्तर पर समर्थकों को आधुनिक तकनीक का उपयोग करते हुए लाइव स्ट्रीम के जरिये जोड़ा जाएगा।
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