Haryana
किशोरावस्था से युवावस्था तक अभिभावक निभाएं एक दार्शनिक की भूमिका – मलिक
सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) – गांव सिंगोवाल के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में मनोवैज्ञानिक परामर्श द्वारा जिम्मेदारी धारण व स्वयं सहायता रणनीति विषय पर आधारित सेमीनार में जिला बाल कल्याण अधिकारी अनिल मलिक ने कहा कि किसी भी इन्सान की मदद करने का उचित तरीका है कि उसे खुद की मदद करने लायक बनाना और […]
सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) – गांव सिंगोवाल के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में मनोवैज्ञानिक परामर्श द्वारा जिम्मेदारी धारण व स्वयं सहायता रणनीति विषय पर आधारित सेमीनार में जिला बाल कल्याण अधिकारी अनिल मलिक ने कहा कि किसी भी इन्सान की मदद करने का उचित तरीका है कि उसे खुद की मदद करने लायक बनाना और यह तभी सम्भव है जब व्यक्ति जिम्मेदारी का अहसास करने लगे। इसके लिए निरन्तर लोगों की सोच बदलने हेतु कार्य करना होगा और इसका सही व सरल रास्ता है, मनोवैज्ञानिक परामर्श।
अनिल मलिक ने कहा कि बाल्यावस्था से ही माता-पिता व अभिभावकों को अपनी औलाद को स्वयं अपने कार्यों के निष्पादन के मौके देने चाहिए। जैसे-जैसे बच्चों की उम्र बढ़ती है, विशेषतौर से किशोरावस्था की शुरुआत से युवावस्था में प्रवेश तक माता-पिता को एक शिक्षक, एक दोस्त व एक दार्शनिक की भूमिका निभानी चाहिए क्योंकि कई बार बच्चे मन की बात करने में संकोच महसूस करते हैं, इस बात का माता-पिता को भी आभास होना चाहिए कि बच्चों के मनोभाव को जान सकें।