सत्यखबर
कृषि अध्यादेशों को लेकर टिकरी बॉर्डर पर पिछले 76 दिन से धरना-प्रदर्शन कर रहे किसानों ने अब यहां पर अद्र्धनग्र होकर प्रदर्शन न करने का फैसला लिया है। धरना शुरू होने के बाद से ही यहां किसान प्रतिरोज अद्र्धनग्र होकर प्रदर्शन कर रहे थे। लेकिन पिछले कई रोज से जिस तरह से यहां आंदोलन स्थल पर किसानों की ठंड या फिर अन्य कारणों से मौत का आंकड़ा बढ़ रहा है,उसके बाद से यहां किसान संगठनों की किसानों के स्वास्थ्य के प्रति चिंता बढऩा स्वाभाविक था।
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इसी के चलते अब यहां किसानों ने बुधवार को फैसला लिया कि अब आंदोलन स्थल पर कोई भी किसान अद्र्धनग्र होकर प्रदर्शन नहीं करेगा। किसान नेताओं की माने तो ऐसा किसानों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर किया गया है। बुधवार को बॉर्डर पर ही अद्र्धनग्र होकर प्रदर्शन करने वाले किसानो को कपड़े भी पहनवाएं गए। किसानों का कहना था कि खाप पंचायतों से किसानों को मिल रहे समर्थन से आंदोलन को नई उर्जा मिल रही है। उनका यह भी कहना था कि किसान राजनीति नहीं बल्कि अपने आंदोलन को मजबूत करने में जुटे हुए है। किसानों का यह भी कहना था कि जब तक कृषि कानून रद्द नहीं हो जाते तब तक वह घर नहीं जाएगें।
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