Haryana
किसान महापंचायत को लेकर अनेकों गांवों में चलाया जनसपंर्क अभियान
नांवा महापंचायत में पहुंचकर किसान दें अपनी एकता का परिचय: सांगवान सत्यखबर, सतनाली मंडी (मुन्ना लाम्बा) क्षेत्र के गांव नांवा में 16 सितंबर को आयोजित होने वाली किसान महापंचायत में अधिक से अधिक संख्या में किसानों कि उपस्थिति दर्ज करवाने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधि मण्डल ने संयोजक दलीप सिह सांगवान के […]
नांवा महापंचायत में पहुंचकर किसान दें अपनी एकता का परिचय: सांगवान
सत्यखबर, सतनाली मंडी (मुन्ना लाम्बा)
क्षेत्र के गांव नांवा में 16 सितंबर को आयोजित होने वाली किसान महापंचायत में अधिक से अधिक संख्या में किसानों कि उपस्थिति दर्ज करवाने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधि मण्डल ने संयोजक दलीप सिह सांगवान के नेतृत्व में जनसंपर्क अभियान चलाया। इस अवसर पर उन्होंने नांवा, बासड़ी, जड़वा, ढाणी भालोठिया सहित अनेकों गावों का दौरा किया।
सांगवान ने किसानों से रूबरू होते हुए बताया कि सरकार द्वारा किसानों को उनकी उत्पादन लागत के बराबर भाव भी नहीं दिया जा रहा है। फिर भी सरकार द्वारा किसानों को लागत का डेढ़ गुणा भाव देने का भ्रामक प्रचार किया जा रहा है जो किसानों को बदनाम करने कि साजिश का हिस्सा है। हकीकत में चुनाव घोषणापत्र में वायदा करने के बावजूद भाजपा सरकार द्वारा स्वामीनाथन आयोग रिपोर्ट लागू न करने के साथ किसानों की अन्य मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है। आज किसान भूखमरी की कगार पर पहुंच गया है। यही कारण है देश में आज हर 35 मिनट के बाद एक किसान आत्महत्या कर रहा है।
उन्होंने कहा कि देश के नीति नियंताओं को समझना होगा कि देश की खुशहाली खेत-खलिहानों से होकर गुजरती है। सरकार तुरंत स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने के साथ फसल बीमा योजना में सुधार, उत्तम खाद व बीज की उपलब्धता, हर खेत तक सिंचाई की सुविधा, आवारा पशुओं का प्रबंध जैसी किसानों की चिरप्रतिक्षित मांगों का स्थाई समाधान करे। जनसम्पर्क अभियान के दौरान उन्होंने किसानों से आह्वान करते हुए कहा कि वे गांव नांवा में 16 सितम्बर को आयोजित होने वाली किसान महापंचायत में पहुंचकर अपनी मांगों को मनवाने के लिए सरकार पर दबाव बनाएं व अपनी एकता का परिचय दें। इस अवसर पर सरपंच कृष्ण सिंह नांवा, लीला राम, किशन लाल मोदी, धर्मबीर सरपंच, राजेन्द्र तंवर, रणसिंह सूबेदार, बहादुर व राजपाल सहित बड़ी संख्या में किसान व ग्रामीण मौजूद थे।