सत्यखबर, हिसार
अखिल भारतीय व्यापार मंडल के राष्ट्रीय महासचिव व हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने अग्रोहा में किसान आंदोलन को व्यापार मंडल का समर्थन देते हुए कहा कि जब देश व प्रदेश का किसान व आढ़ती तीन कृषि काले कानून को नहीं चाहता, तो केंद्र सरकार क्यों जबरन यह कानून किसान, आढ़ती व मजदूर पर थोपना चाहती है। इससे देश व प्रदेश का किसान अपने ही जमीन में बन्धवा मजदूर बनकर रह जाएगा। प्रधानमंत्री अडानी व अंबानी को लाभ पहुंचाने के लिए तीन काले कृषि कानून लेकर आई है ताकि बड़ी-बड़ी कंपनी किसान की जमीन व अनाज सस्ते दामों पर खरीद कर अनाज के व्यापार पर कब्जा कर सके। राष्ट्रीय महासचिव बजरंग गर्ग ने कहा कि अभी तक तीन कृषि कानून देश व प्रदेश में पूरी तरह लागू तक नहीं हुए मगर अडानी व अंबानी ने हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ आदि राज्यों में सैकड़ों एकड़ जमीन पर वेयर हाउस अभी से पहले बनाकर उसमें बड़ी-बड़ी स्टील की टैन्की लगा ली है।
इससे साफ सिद्ध होता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन कृषि कानून किसान व आढ़तियों से बातचीत करने की बजाए अडानी व अंबानी से बातचीत कर के देश में लागू किए हैं। अब सरकार कृषि कानून पर किसानों से बात करने का ढोंग कर रही है जब सरकार ने बिना किसानों से बातचीत करके तीन कृषि काले कानून लागू किए है तो सरकार को बिना बातचीत करते हुए तुरंत प्रभाव से किसान, आढ़ती, मजदूर व आम जनता के हित में तीन कृषि कानूनों को वापिस लेना चाहिए। राष्ट्रीय महासचिव बजरंग गर्ग ने कहा कि 69 दिनों से किसान भारी ठंड में सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं। जिसमें लगभग 80 किसानों ने अपनी जान की कुर्बानी दे चुके हैं।
गर्ग ने कहा कि सरकार को किसान आंदोलन में हुए शहीद के परिवारों को कम से कम 50 लाख रुपए मुआवजा व एक सरकारी नौकरी देनी चाहिए। हमारा किसान देशभक्त हैं, देश की आजादी में किसानों का बहुत बड़ा योगदान है। किसान का बेटा ही फौज में भर्ती होकर सीमाओं पर देश की रक्षा कर रहा है। राष्ट्रीय महासचिव बजरंग गर्ग ने कहा कि केंद्र सरकार को अपना तानाशाही रवैया को छोड़कर किसान संगठनों से बातचीत करके तीन काले कृषि कानून को तुरंत प्रभाव से वापिस लेकर किसान, आढ़ती मजदूर व आम जनता को राहत देने का काम करना चाहिए। जबकि आज देश में लगातार अर्थव्यवस्था बिगड़ती जा रही है और व्यापार व उद्योग ठप्प हो रहें हैं। जिसके कारण लाखों युवा व नागरिक बेरोजगार हो गए हैं जो देश हित में नहीं है।
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