सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
केएम राजकीय कॉलेज मेें दाखिला लेना हर विद्यार्थी का सपना है, ताकि कम फीस और दाखिला में वे अपनी पढ़ाई सही तरीके से कर सके। लेकिन केएम राजकीय कॉलेज में सीटें कम होने के कारण ज्यादातर विद्यार्थियों का दाखिला होना असंभव हैं। जिससे विद्यार्थियों को प्राइवेट या अन्य सरकारी कॉलेजों का रूख करना पड़ सकता है। कम्प्यूटर प्राध्यापिका सुमन धतरवाल ने बताया कि बुधवार को दोपहर बाद तक बीए में 480 सीटों के लिए 1174, बीए ऑनर्स अंग्रेजी में 40 सीटों के लिए केवल 14, बीकॉम की 160 सीटों के लिए 201, बीएससी नॉन मेडिकल की 160 सीटों के लिए 137, बीएससी मेडिकल की 60 सीटों के लिए 80 आवेदन आ चुके हैं। वहीं बीसीए की 40 सीटों के लिए 35, बीटीएम की 40 सीटों के लिए 16 ही आवेदन आये हैं।
लड़कियों के लिए अलग कॉलेज की उठी मांग
केएम राजकीय कॉलेज में ग्रामीण क्षेत्र से अधिकतर गरीब परिवार की लड़कियां दाखिला लेने के लिए आती हैं, जिन लड़कियों का दाखिला सरकारी कॉलेज में हो जाता है, तो उनके माता-पिता उनको पढऩे के लिए भेज देते हंै। लेकिन प्राइवेट कॉलेजों में ज्यादा दाखिला फीस को देखकर उनके अभिभावक लड़कियों को उच्चतर शिक्षा देने में हिचकिचाते हैं। अभिभावकों राजबीर सिंह, दिलबाग श्योकंद, सतबीर चहल, रामकुमार धतरवाल ने कहा कि क्षेत्र में एकमात्र सरकारी होने के चलते लड़कियों के लिए नरवाना में एक अलग कॉलेज बनाया जाये, ताकि हर बेटी को शिक्षा का अधिकार मिल सके।
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