सत्यख़बर ,हरियाणा
पिछले कई माह से मंदी की मार झेल रहे पोल्ट्री उद्योग में 2 अप्रैल कुछ खुशी की लहर लेकर आई। 2 अप्रैल को हैचरी मालिकों के पास फार्मरों के फोन लगातार आने शुरू हुए। फार्मर हैचरी मालिकों से चूजे की डिमांड कर रहे थे। फार्मरों ने 10 से ₹15 तक चूजे की बुकिंग करवाई है। वही मुर्गे का बाजार रेट भी 60 रुपए तक मार्केट में सुनाई दिया। पोल्ट्री में बढ़ी मांग के बाद ब्रायलर एवं ब्रीडर एसोसिएशन के अध्यक्ष गुरमिंदर बिसला ने हैचरी से जुड़े किसानों से एक अपील भी की है।आपको बता दें कि कोरोना संक्रमण के बाद पोल्ट्री उद्योग धड़ाम से नीचे गिर गया था और पिछले 2 महीने से हैचरी मालिक अंडों कोडिस्ट्रॉय कर रहे थे। वही चिकन की डिमांड नाहोने की वजह से पोल्ट्री किसान अपने मुर्गों को जिंदा जमीन में दफना रहे थे। जिस वजह से पोल्ट्री किसान के साथ-साथ हैचरी मालिकों को भी बड़ा भारी नुकसान हो रहा था।
दाम बढ़ने के ये माने जा रहे है कारण
पोल्ट्री में दाम बढ़ने के मुख्य तौर पर तीन कारण माने जा रहे हैं जिनमें से पहला कारण सरकार द्वारा 14 अप्रैल तक लोक डाउन को खत्म करने का आश्वासन है तो वहीं दूसरी ओर एक अप्रैल से नवरात्र भी संपूर्ण हो गए हैं। तीसरा कारण सरकार द्वारा अंडे और चिकन की दुकानों को खोलने की अनुमति देने को भी माना जा रहा है। पोल्ट्री से जुड़े किसानों को अब यह आशा की किरण दिखाई देने लगी है कि आने वाले कुछ समय में चिकन की डिमांड शुरू होगी तो ऐसे में उनके द्वारा चूजे खरीदने की शुरुआत भी की जा रही है।
ब्रायलर के दाम 60 रुपए तक बढ़ा
आपको बता दें कि 1 चूजे को चिकन तक तैयार होने में लगभग 35 दिन का समय लगता है और पोल्ट्री किसान इसी समय को निर्धारित कर चूजे की खरीदारी कर रहे हैं। जिस प्रकार से चूजे की मांग बढ़ी है उसे माना जा रहा है कि चूजे के दाम महंगे हो सकते हैं। तुझे के दाम महंगे होने के पीछे यह कारण भी है कि हैचरी मालिकों द्वारा अभी तक सभी अंडे को डिस्ट्रॉय किया गया था। ऐसे में हैचरी उद्योग के पास सप्लाई करने के लिए चूजे की कमी है।
आपको बता दें कि किसानों का एक बड़ा तबका पोल्ट्री इंडस्ट्री से जुड़ा हुआ है ऐसे में यह खबर उन किसानों के लिए एक आशा की किरण से कम नहीं है।
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