रैफरल अस्पताल के नाम से मशहुर है नागरिक अस्पताल
अस्पताल में ना पूरे डाक्टर, ना स्टाफ और ना ही सुविधाएं
सत्यखबर, सफीदों: विश्वव्यापी कोरोना महामारी ने चारो ओर हाहाकार मचा रखा है। भारत के साथ-साथ पूरे विश्व की सरकारें चिंताग्रस्त है और इस वायरस से निपटने का प्रयास कर रहीं हैं। इस सब के बीच सवाल यह है कि क्या रैफरल अस्पताल के नाम से मशहुर सफीदों का नागरिक अस्पताल इस नामुराद बीमारी से जंग लड़ पाएगा क्योंकि ना तो यहां पर पूरे डाक्टर है, ना पूरा स्टाफ है और ना ही सुविधाएं है। इस अस्पताल की स्थिति यह है कि मामुली बीमारी या दुर्घटना को लेकर भी मरीजों को पी.जी.आई. रोहतक या खानपुर रैफर कर दिया जाता है। वायरस के साथ दिन पर दिन बिगड़ रही स्थिति में सफीदों के नागरिक अस्पताल में चिकित्सा व्यवस्थाएं रामभरोसे ही है जहां चिकित्सा अधिकारियों के 14 स्वीकृत पदों में केवल एक पद भरा है जबकि शेष सभी रिक्त हैं। यह अलग बात है कि उपमंडल की मुआना सी.एच.सी. के प्रतिनियुक्ति पर सफीदों के सिविल अस्पताल में काम कर रहे तीन डाक्टरों के सहारे अस्पताल चल रहा है। यहां दंत रोग विशेषज्ञ व वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी का पद भी रिक्त है, डी.डी. पावर अस्पताल की इकलौती महिला चिकित्सा अधिकारी डा. अरूणा लांबा के पास है। विभागीय निर्देशों के तहत इस अस्पताल में आईसोलेशन वार्ड तो तैयार है जिसमें सिर्फ 6 बिस्तरों की व्यवस्था है लेकिन वहां मरीज को देंगे क्या, ना तो वैंटीलेटर की व्यवस्था है और ना ही विभाग की तरफ से दवा आदि के विशेष निर्देश हैं। उपमंडल मु यालय का अस्पताल होने के कारण यहां मुआना पी.एच.सी. के तीन डाक्टर लंबे समय से प्रतिनियुक्ति पर चल रहे हैं और हाट गांव की पी.एच.सी. की इकलौती महिला डाक्टर को भी यहां बुला लिया जाता है। यहां प्रतिनियुक्ति पर लंबे समय से काम कर रहे मुआना सी.एच.सी. के तीन डाक्टरों का तबादला ही विभाग इस अस्पताल मे क्यों नही कर देता, इस पर वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी भी चुप हैं। कोरोना वायरस का इस क्षेत्र में यह सुखद पहलू है कि अभी तक किसी के संक्रमित होने की पुष्टि नही हुई है लेकिन चिंता की बात यह है कि अपने घरों मे आईसोलेट लोगों का आंकड़ा तीन दर्जन के आसपास पहुंच गया है। लोगों का कहना है कि घर में आईसोलेट लोगों में से किसी को अगर कोरोना सकं्रमण सामने आ गया तो उस स्थिति में नियंत्रण कैसे पाया जाएगा क्योंकि संक्रमित मरीज के इलाज के लिए इस अस्पताल में कोई सुविधाएं भी नहीं है। खाली आईसोलेशन वार्ड बना दिए जाने से कोरोना से लड़ाई नहीं जीती जा सकती है। लोगों का कहना है कि क्या उन्हे रामभरोसे पर छोड़ दिया जाएगा। लोगों ने देश के केंद्र में स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन व हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से मांग की है कि सफीदों के नागरिक अस्पताल में डाक्टरों के खाली पद भरे जाए तथा यहां पर आवश्यक सुविधाएं मुहैया करवाई जाएं ताकि कोरोना महामारी से लडऩे में यह अस्पताल सक्षम हो।
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