पर्यावरण शुद्धि के लिए किया गया विशाल यज्ञ
सत्यखबर सफीदों (महाबीर) – देशभर में व्याप्त कोरोना वायरस का असर अब सामाजिक एवं धार्मिक कार्यक्रमों में भी दिखने लगा है। इसी असर के बीच सफीदों शहर स्थित श्री स्वामी गौरक्षानंद गौशाला का 24वां स्थापना दिवस किसी भव्य रूप में नहीं बल्कि सादे तरीके से मनाया गया। इस मौके पर्यावरण की शुद्धि व सुख-शांति के लिए वैदिक हवन किया गया। स्वामी वजीरानंद व स्वामी वेदानंद के सानिध्य में आयोजित हवन में क्षेत्र के गण्यमान्य लोगों ने अपनी आहुति डाली। हवन के उपरांत गौपूजन किया गया और उपस्थित लोगों को प्रसाद वितरित किया गया।
अपने संबोधन में स्वामी वजीरानंद व स्वामी वेदानंद ने कहा कि प्रदूषण व बीमारियां इस पृथ्वी पर एक ऐसी समस्या बनकर उभरा है, जिसे समय पर काबू नहीं पाया गया तो यह समूचे जीव जगत को नष्ट कर देगा। अथर्ववेद में कहा गया है कि अग्नि से धुआं उत्पन्न होता है, धुएं से बादल बनते हैं और बादलों से वर्षा होती है। वेदों में यज्ञ का अर्थ प्राकृतिक चक्र को संतुलित करने की प्रक्रिया बताया गया है। यजुर्वेद में अग्निहोत्री यज्ञ को वर्षा का उत्पादक प्रदान करने वाला बताया गया है। वैज्ञानिकों ने स्वीकार किया है कि यज्ञ और उसमें बोले गए मंत्रों से वातावरण में सही संतुलन बना रहता है।
यज्ञ प्रदूषित वातावरण को तो दुरूस्त करता ही है साथ ही साथ वह मानसिक, शारीरिक व वनस्पतियों के विभिन्न रोगों को दूर करके उन्हें स्वस्थ तथा उन्नत बनाता है। यदि मनुष्य हर रोज सामग्री से कुछ वैदिक मंत्रों का जाप करके यज्ञ करें तो लगभग 24 घंटे तक एक सुरक्षा कवच मिल सकता है।
इस मौके पर मुख्य रूप से प्रधान पालेराम राठी, उपप्रधान रामेश्वरदास गुप्ता, महासचिव शैलेंद्र दीवान, रामगोपाल अग्रवाल, रामकुमार तुसीर, शिवचरण कंसल, कृष्ण राठी, रणधीर सैनी, रोहताश भारद्वाज, तीर्थराज गर्ग, ईश्वर शर्मा, बहादुर सैनी, राजकुमार, फतेह सिंह सैनी, सतीश गर्ग, ओमप्रकाश सिंगला, ललित दीवान, मनोज दीवान, विक्रम बंसल, बजिंद्र मलिक, कृष्ण देशवाल, अरविंद शर्मा व सज्जन आर्य सहित काफी तादाद में लोग मौजूद थे।
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