सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
देशभक्ति का जज्बा लिए व्यक्तियों की अनेक मिसालें तो आपने सुनी होंगी, लेकिन उपमंडल के गांव दनौदा के पर्वतारोही सचिन ऐसे युवक हैं, जो समाज में जागरुकता फैलाने के लिए पूरे भारतवर्ष में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ व पर्यावरण संरक्षण का सदेश लेकर साईकल यात्रा कर चुके हैं। अब जब देश कोरोना वायरस की महामारी से जूझ रहा है, तो सचिन दनौदा ने इसके लिए बनने वाली दवाई में प्रैक्टिकल के लिए प्रयुक्त होने वाले मानव शरीर के लिए अपना शरीर देने की इच्छा जाहिर की हैं। सचिन दनौदा हरियाणा का पहला बेटा है, जिसने स्वेच्छा से मानव शरीर कोरोना दवाई के प्रैक्टिकल के लिए देने की घोषणा की है। गौरतलब है कि जब कोरोना जैसे किसी वायरस से निपटने के लिए मानव शरीर का इस्तेमाल किया जाता हैं, तब प्रैक्टिकल के लिए किसी स्वस्थ व्यक्ति के शरीर की आवश्यकता पड़ती है। इस स्वस्थ शरीर को पहले वायरस से इन्फेक्टेड किया जाता हैं। उसके बाद दवाई निर्माण की तमाम संभावनाओं पर रिसर्च की जाती हैं। ऐसे में भगवान न करें, अगर प्रयोग सफल नही होता हैं और दवाई भी नहीं बन पाती हैं, तो अपना शरीर प्रैक्टिकल में देने वाले व्यक्ति की मौत भी हो सकती है। इसके लिए सचिन दनौदा पर्वतारोही को अपनी जान की कोई परवाह नहीं है।
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