सत्यखबर सफीदों (महाबीर मित्तल) – देश के अन्य हिस्सों के साथ-साथ सफीदों क्षेत्र में मौसम बेहद खराब रहा और चारो ओर केवल धुंआ-धुंआ दिख्खाई पड़ा। सुबह के समय यह धुंआ कुछ कम रहा लेकिन दोपहर होते-होते समूचे क्षेत्र को धुंए ने अपनी आगोश में ले लिया। दिन में भी वाहन चालकों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा और काफी वाहन चालक लाईट जगाकर वाहन चलाते हुए दिखाई पड़े। दुपहिया वाहन चालक तो मुंह पर कपड़ा बांधकर या मास्क लगाकर अपने वाहन चला रहे थे। बहुत ही जरूरी काम के लिए लोग अपने घरों से बाहर निकले अन्यथा वे घरों में ही दुबके रहे।
वहीं इस जहरीले धुंए के कारण क्षेत्र में सांस व एलर्जी रोग ने भी अपने पांव पसार लिए हैं। सांस व एलर्जी के रोगियों की लाईन डाक्टरों के क्लीनिकों पर लगी रही। म्म्क्षेत्र को धुंआ-धुंआ करने में आम लोगों के साथ-साथ प्रशासन भी कम नहीं है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र मे पर्यावरण के गिरते स्तर के कारण सर्वोच्च न्यायालय के पैनल के आदेश भले ही स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया गया है जिसके तहत पांच नवम्बर तक तो भवन निर्माण के काम भी रोक दिए गए हैं लेकिन सफीदों मे खुद सरकारी अमला ही पर्यावरण को बिगाडने मे लगा हुआ है।
नगरपालिका ने यहां जींद रोड बाईपास के दोनों ओर गन्दगीयुक्त कचरे के ढेर लगाए हुए हैं जिनमे आग गला दी गई। इस आग से निकले जहरीले धुएं ने नई अनाजमण्डी, पानीपत रोड व इसके आसपास के आवासीय ईलाकों मे लोगों को सांस लेना मुश्किल हो गया। यहां खांसर चौक पर तो टूटी सड़क पर वाहनों की आवाजाही से उठने वाले रेत से लोग बरसों से परेशान हैं। नगर मे वायु प्रदूषण की स्थिति पेंटरों ने भी बिगाड़ी हुई है।
लोहे व लकड़ी पर पेंटर व पालिश करने वाले दुकानदारों ने यहां की आवासीय बस्तियों मे भी ऐसा जहर वायु मे घोला हुआ है जिससे अनेक बच्चों को सांस के रोगों ने जकड़ लिया है। पिछले दिनों इससे परेशान कई लोगों ने पर्यावरण विभाग को शिकायत की थी जिसमे उस विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि नगरपालिका का ईलाका उनका अधिकार क्षेत्र नहीं है इस कारण नगरपालिका क्षेत्र मे ऐसी शिकायतों पर सम्बन्धित नगरपालिका ही कार्रवाई कर सकती है।
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