सत्यखबर ढिगावा मंडी (मदन श्योराण) – लोहारू क्षेत्र के लिए नहरों में आने वाला पानी किसानो के लिए खुशियां देने वाला रहा है। जमीनी पानी कम होने के कारण नहरी पानी से अच्छी खेती होने की उमीदे बनी थी। लेकिन पुरानी और कमजोर नहर बहते पानी का झेल नही पा रही है और किसानों को लाभ की जगह नुकसान देने वाली बन गई। बुधवार को बुढेडा गांव के पृथ्वी के खेत के पास से पानी के बहाव से नहर टुटने के कारण 30 एकड में खडी गेहूं और सरसों की फसल मिट्टी के कटाव के कारण और पशु चारे का भण्डारन पानी जमा होने से नष्ट हो गया। ग्रामीणों के अनुसार बुधवार सुबह लगभग पांच बजे नहर टुट कर पानी बहने लगा था। विभाग को उसी समय सुचना भेज दी थी। लेकिन विभाग ने सात घंटे तक कोई सुध नही ली और दो बजे नहर के बहते पानी को जोहड में डाला गया। अगर विभाग नहर को सुहब टुटने के समय ही नहर के पानी को बुढेडा जोहड में डाल देते तो किसानों को लाखों रूपये का नुकसान नही होता।
पशु चारा और खडी फसल का नुकसान
नहर साथ लगती लगभग सकैडों एकड जमीन में पानी जमा होने के कारण फसल में नुकसान होने की संभावना है। विशेष कर चैहड के हजारी, बुढेडा के पृथ्वी सिंह, राजेन्द्र, राजेश, सुनीता, सुमित्रा, विजय और प्रदिप सहित अनेक किसानों की जमीन में खडी फसल पानी में बह गई। लगभग सभी किसान खेत में ही गेहू के तुडे का भंडारण करते है। साथ लगती जमीन मे नहरी पानी जमा होने के कारण 7 एकड़ का सकड़ो मण पशु चारा भी खराब हो गया है। किसानों ने नहर टुटने से हुए नुकसान की भरपाई की मांग की।
कृषि विभाग के सहायक टेक्नीशियन अधिकारी विजय भुंगला ने बताया की प्रथम दृष्टि से शत प्रतिशत नुकसान नजर आता है।
इस अवसर पर जगदीश चंद्र तहसीलदार लोहारू ने बताया कि किसानों को काफी नुकसान हुआ है यह नुकसान बड भी सकता है नुकसान का सही आकलन तो पानी के रुकने के बाद ही पता चलेगा। इस मौके पर हवासिंह पटवारी, कूलदीप जेई नहर विभाग सहित अनेक अधिकारी व ग्रामीण मौके पर रहे।
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