सत्यखबर
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को फरीदाबाद के खोरी गांव में जंगल की जमीन में अनधिकृत रूप से घर बनाने वाले 10 हजार परिवारों के घरों को गिराने के अपने आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट की तरफ से आदेश पर रोक लगाने से इनकार के बाद अब सैकड़ों परिवारों को बेघर होने का डर है. सुप्रीम कोर्ट ने 7 जून को जंगल की जमीन से अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था.
यह भी पढें:- बच्चों को कोरोना से बचाव के लिए आयुष मंत्रालय ने जारी की ये नई गाइडलाइनस
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हरियाणा सरकार की 2003 की योजना के अनुसार पुनर्वास वाले लोग लाभ के हकदार होंगे. सुप्रीम कोर्ट ने फरीदाबाद नगर निगम को कोर्ट के 7 जून के आदेश को छह हफ्ते के अंदर जंगल की जमीन पर अनधिकृत घरों को गिराने के निर्देश को लागू करने के लिए कहा है. इससे पहले 7 जून को आदेश देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि हर हालत में जंगल की जमीन खाली होना चाहिए और इसमें किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जा सकता.
साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने फरीदाबाद नगर निगम को फटकार लगाते हुए कहा कि हाई कोर्ट ने 2016 में जमीन खाली कराने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा जरूरत पड़े तो पुलिस फोर्स का इस्तेमाल किया जाय. कोर्ट ने कहा राज्य सरकार पुलिस सहित जरूरी सहायता उपलब्ध कराएगी. जंगल की जमीन के मामले में कोई समझौता नहीं किया जा सकता है.
सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने आदेश में दोहराया था कि जमीन खाली करनी पड़ेगी। लेकिन जमीन अभी भी खाली नहीं की गई है. फरीदाबाद नगर निगम ने बताया कि जंगल की जमीन पर अवैध कब्जा जमाए लोगों को हटाने के लिए दो बार ड्राइव चलाया जा चुका है.
Aluminium recycling policy Scrap aluminium weight measurement Metal waste export regulations