सत्यखबर, सतनाली मंडी (मुन्ना लाम्बा)
दक्षिणी हरियाणा में मार्च के महीने में ही झुलसती गर्मी से क्षेत्र के लोगों का हाल-बेहाल है। गर्मी से कैसे किया जाए बचाव? इस बारे में सतनाली के जाने-माने आयुर्वैदिक पुश्तैनी वैध दिनेश कुमार ने एक प्रैसवार्ता में गर्मी से बचाव के लिए बात की तो उन्होंने बताया कि मार्च के महीने में ही गर्मी व लू शुरू हो गई है। आमतौर पर मार्च के महीने में इतनी तपीस व लूओं के थपेड़े वाली गर्मी नहीं होती है। उन्होंने गर्मी से कुछ हद तक बचाव के लिए बेल के फल को सबसे उत्तम बताया। उन्होंने कहा कि हमारे देश में बेल को एक पवित्र फल माना गया है क्योंकि यह भगवान शिव को चढ़ाई जाने वाली सामग्री में से एक है। इस फल को संस्कृत में बिल्व, शैलूष व त्रिफल कहते हैं। हिंदी में इसे शिवफल, बेल, बिल्ला आदि नामों से जाना जाता है। इस अकेले फल में हजार तरह के गुण छिपे हैं जो कई रोगों के लिए लाभप्रद है।
बेल का फल किन-किन रोगों के लिए है लाभप्रद:
१. गर्मियों में लू लगने पर इस फल का शरबत पीने से शीघ्र आराम मिलता है तथा तपते शरीर की गर्मी भी दूर हो जाती है।
२. पुराने से पुराने आंव रोग से छुटकारा पाने के लिए अधकच्चे बेल फल का सेवन करें।
३. पक्के बेल में चिपचिपापन होता है इसलिए यह डायरिया रोग में काफी लाभप्रद है। यह फल पाचक होने के साथ-साथ बलवद्र्धक भी है।
४. फल के सेवन से वात-कफ का शमन होता है।
५. आंख में दर्द होने पर बेल के पत्तों की लुगदी बांधने से काफी आराम मिलता है।
६. कई मर्तबा गर्मियों में आंखें लाल हो जाती हैं तथा जलने लगती हैं। ऐसी स्थिती में बेल के पत्तों का रस एक-एक बूंद आंख में डालना चाहिए। लाली व जलन शीघ्र दूर हो जाएगी।
७. बच्चों के पेट में कीड़े हो तो इस फल के पत्तों का अर्क निकालकर पिलाना चाहिए।
८. बेल की छाल का काढ़ा पीने से अतिसार रोग में राहत मिलती है।
९. इसके पक्के फल को शहद व मिश्री के साथ चाटने से शरीर के खून का रंग साफ होता है तथा खून में भी वृद्धि होती है।
१०. बेल के गुद्दे को खांड के साथ खाने से संग्रहणी रोग में राहत मिलती है।
११. पक्के बेल का शरबत पीने से पेट साफ रहता है।
१२. बेल का मुर्रबा शरीर की शक्ति बढ़ाता है तथा सभी उदर विकारों से छुटकारा भी दिलाता है।
१३. गर्मियों में गर्भवती स्त्रियों का जी मिचलाने लगे तो बेल और सौंठ का काढ़ा २ चम्मच पिलाना चाहिए।
१४. पक्के बेल के गुद्दे में काली मिर्च, सेंधा नमक मिलाकर खाने से आवाज भी सुरीली होती है।
१५. छोटे बच्चों को प्रतिदिन १ चम्मच पक्का बेल खिलाने से शरीर की हड्डियां मजबूत होती हैं।
बेल का फल किन-किन रोगों के लिए है लाभप्रद:
१. गर्मियों में लू लगने पर इस फल का शरबत पीने से शीघ्र आराम मिलता है तथा तपते शरीर की गर्मी भी दूर हो जाती है।
२. पुराने से पुराने आंव रोग से छुटकारा पाने के लिए अधकच्चे बेल फल का सेवन करें।
३. पक्के बेल में चिपचिपापन होता है इसलिए यह डायरिया रोग में काफी लाभप्रद है। यह फल पाचक होने के साथ-साथ बलवद्र्धक भी है।
४. फल के सेवन से वात-कफ का शमन होता है।
५. आंख में दर्द होने पर बेल के पत्तों की लुगदी बांधने से काफी आराम मिलता है।
६. कई मर्तबा गर्मियों में आंखें लाल हो जाती हैं तथा जलने लगती हैं। ऐसी स्थिती में बेल के पत्तों का रस एक-एक बूंद आंख में डालना चाहिए। लाली व जलन शीघ्र दूर हो जाएगी।
७. बच्चों के पेट में कीड़े हो तो इस फल के पत्तों का अर्क निकालकर पिलाना चाहिए।
८. बेल की छाल का काढ़ा पीने से अतिसार रोग में राहत मिलती है।
९. इसके पक्के फल को शहद व मिश्री के साथ चाटने से शरीर के खून का रंग साफ होता है तथा खून में भी वृद्धि होती है।
१०. बेल के गुद्दे को खांड के साथ खाने से संग्रहणी रोग में राहत मिलती है।
११. पक्के बेल का शरबत पीने से पेट साफ रहता है।
१२. बेल का मुर्रबा शरीर की शक्ति बढ़ाता है तथा सभी उदर विकारों से छुटकारा भी दिलाता है।
१३. गर्मियों में गर्भवती स्त्रियों का जी मिचलाने लगे तो बेल और सौंठ का काढ़ा २ चम्मच पिलाना चाहिए।
१४. पक्के बेल के गुद्दे में काली मिर्च, सेंधा नमक मिलाकर खाने से आवाज भी सुरीली होती है।
१५. छोटे बच्चों को प्रतिदिन १ चम्मच पक्का बेल खिलाने से शरीर की हड्डियां मजबूत होती हैं।
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