सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
धरौदी माइनर संघर्ष समिति के बैनर तले बैठे 11 गांवों के ग्रामीण धरौदी माइनर में पानी लाने की मांग को लेकर 18 दिन से धरने पर बैठे हुए हैं, लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ है। जिससे ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि धरौदी माइनर की मांग 30 साल पहले ही पूरी हो जानी चाहिए थी, लेकिन राजनैतिक रोटियां सेकने वाले नेताओं ने उनकी इस मांग को पूरा नहीं होने दिया। जिस कारण यह अधर में लटक कर रह गई। उन्होंने कहा कि पहले धरती का पानी पीने योग्य होता था, लेकिन बाद में धीरे-धीरे नीचे का पानी जहरीला होता गया। जिसका नतीजा यह है कि हर परिवार में किसी न किसी को कैंसर, पथरी या काला पीलिया जैसे रोग हो गये हैं। उन्होंने कहा कि इन गंभीर रोगों के इलाज में लाखों रूपये भी खर्च होतेे हैं, लेकिन सरकार को इसकी परवाह ही नहीं हैं। उन्होंने कहा कि नीचे का जहरीला पानी पीने से गऊशाला में गायों को कैंसर रोग हो गया है, जोकि चिंता का विषय हैं। वहीं 11 महिलाओं शंकुतला देवी, पतासो देवी, राजपति, बिमला, संतरो, मुकेश, किताबो, रोशनी, ओमपति, शांति, भरथो देवी ने कहा कि वे भी पुरूषों के साथ कंधा से कंधा मिलाकर खड़ी हैं। इसलिए उन्होंने फैसला लिया है कि वे भी सोमवार से भूख हड़ताल करेंगी और सरकार को चेतायेंगी कि अब नारी शक्ति जाग चुकी हैं और वे पीछे हटने वाली नहीं हैं।
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