सत्यखबर गुरुग्राम (ब्यूरो रिपोर्ट) – दूसरी पार्टियों से नेताओं का बीजेपी में आने का सिलसिला लगातार जारी है. इसी कड़ी में हरियाणा विधानसभा के पूर्व डिप्टी स्पीकर गोपीचंद गहलोत शनिवार को बीजेपी का दामन थाम लिया. 8 जुलाई को गोपीचंद गहलोत ने इनेलो से इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद शनिवार को उन्होंने अपने समर्थकों के साथ बीजेपी ज्वाइन की।
बता दें कि गोपीचंद गहलोत के राजनीति करियर की शुरुआत बीजेपी से ही हुई थी और चौधरी देवी लाल के संघर्ष के वक्त गोपीचंद गहलोत उनके साथ चले गए थे. एक बार फिर से गोपीचंद ने बीजेपी का दामन थामा है।
हाल ही में इनेलो पार्टी से इस्तीफा दे चुके इनेलो पार्टी के मजबूत स्तंभ और हरियाणा विधानसभा के पूर्व डिप्टी स्पीकर गोपीचंद गहलोत अपने समर्थकों के साथ मिलकर आज भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। सूबे के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने खुद उन्हें सदस्यता दिलाई।
इनेलो के धुरंधर नेता गहलोत के आने से भाजपा को सीधा फायदा मिलता दिख रहा है। बता दें कि कदद्दावर नेता गोपीचंद विधायक बनने से पहले 11 साल तक भाजपा में रह चुके हैं। गहलोत ने 1991 में भाजपा छोड़ गुड़गांव विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़ा था। जिसमें वो दूसरे नंबर पर रहे थे। साल 2000 में हुए विधानसभा चुनाव में गहलोत ने एक बार फिर निर्दलीय चुनाव लड़ा और कांग्रेस उम्मीदवार धर्मवीर गाबा को शिकस्त दी। इनेलो प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला से गोपीचंद की नजदीकी किसी से छुपी नहीं है। जिसके चलते निर्दलीय चुनाव जीतने के बावजूद तत्कालीन इनेलो सरकार ने उन्हें समर्थन दिया और हरियाणा विधानसभा का डिप्टी स्पीकर बना दिया।
बताया जाता है कि इनेलो पार्टी में किसी भी बड़े निर्णय में गोपीचंद की बड़ी भूमिका होती थी। लेकिन लोकसभा चुनावों में मिली बड़ी हार के बाद उनके समर्थक उन पर भाजपा में आने के लिए लगातार दबाव बना रहे थे। जिसके चलते आखिरकार गहलोत ने भाजपा की सदस्यता लेने का फैसला किया।
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