अध्यापक ने आरोपों को निराधार बताया
सत्यखबर, सफीदों: देश में कोरोना महामारी की दस्तक के चलते प्रधानमंत्री मोदी ने 21 दिनों तक लॉकडाउन कर दिया है जिसके चलते प्रदेश में धारा 144 लागू है लेकिन शिक्षा विभाग द्वारा सरकार के आदेशों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। एक ऐसा ही मामला सफीदों उपमंडल के गांव खेड़ा खेमावती के सरकारी स्कूल से सामने आया है, जहां मिड डे मील राशन बांटने को लेकर छोटे-छोटे बच्चों व उनके अभिभावकों की भीड़ जमा की गई। भीड़ काबू न होने पर स्कृल में तैनात अध्यापक राजकुमार ने प्रिंसिपल ऑफिस से बैट बल्ला हाथ में लेकर गाली देने लगे जिससे वहां मौजूद ग्रामीण युवक भी गाली सुनकर आग बबूला हो गए और एक दूसरे से जमकर बहस हो गई। वहां मौजूद मिड डे मील का राशन देने पहुंचे अभिभावकों ने बताया कि इन्होंने स्कूल से आज राशन बांटने का संदेशा भेजा है जिसको लेकर हम यहां आए हैं। उन्होंने बताया कि 20 से 30 महिलाओं व बच्चों को राशन देने के बाद उन्होंने राशन बांटना बंद कर दिया। जब वे राशन की मांग कर रहे हैं तो अध्यापक उन्हे गालियां दे रहा है। अभिभावकों का कहना है कि जो राशन स्कूल प्रशासन द्वारा घर-घर जाकर बांटा जाना था, उसे स्कूल में क्यों बांटकर भीड़ को इक_ा किया जा रहा है। स्कूल में मौजूद प्रत्यक्षदर्शी बलजीत ने बताया कि राशन देने के लिए बच्चों को बुलाकर लाया गया है लेकिन यहां आने के बाद अध्यापक ने उन्हे गालियां देते हुए बैट से मारना शुरू कर दिया। ग्रामीण सतीश व बिट्टू का कहना है कि अध्यापक ने राशन देने की बजाय उनके बच्चों को गालियां दी हैं। इस मामले में अध्यापक राजकुमार ने आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि उन्होंने भीड़ को कम करने के लिए कहा था। उन्होंने किसी को यहां पर राशन लेने आने का कोई संदेश नहीं दिया बल्कि गांव वाले खुद यहां आए हैं। वे यहां पर राशन की पैकिंग करवा रहे थे और इस कार्य के लिए सभी मिड डे मील वर्करों को बुलाया हुआ था। गांव में किसी ने स्कूल में राशन मिलने की अफवाह फैला दी और ग्रामीण यहां राशन लेने के लिए पहुंच गए।
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