सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
धरौदी माइनर को भाखड़ा नहर से जुड़वाने के लिए 11 गांव के ग्रामीणों का धरना आज 34वें दिन में प्रवेश कर गया। धरने का संचालन धमतान तपा के पूर्व प्रधान रंगीराम ने किया। इस अवसर पर संघर्ष समिति के प्रधान अमित धरौदी ने प्रतिनिधिमंडल की सीएम मनोहर लाल खट्टर से सोमवार की बातचीत का ब्यौरा दिया। उन्होंने बताया कि प्रतिनिधिमंडल की सीएम के साथ बातचीत निष्फल रही। उन्होंने अपने वक्तव्य के अंत में चाहे जो मजबूरी हो पानी हमारा जरूरी है के नारे के साथ धरना स्थल पर बैठे सभी में जोश भरा। गांव कर्मगढ़ से आई महिला अनिता ने महिलाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल हमारे खून का प्यासा बना हुआ है और हमने यह लड़ाई आरपार की लडऩी है। हमारे जो जवान यदि वे इस लड़ाई से डरते हैं तो उन्होंने जन्म ही नहीं लेना चाहिए था। क्योंकि हमारी यह पानी की मांग नहीं, बल्कि यह जीवन दान के समान है। वहीं इससे पहले एसडीएम जयदीप कुमार, बीडीपीओ राजेश टिवाणा और डीएसपी जगत सिंह धरनास्थल पर पहुंचे और उन्होंने किसानों व ग्रामीणों को मुख्यमंत्री से हुई क्या बातचीत हुई, इस बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने ग्रामीणों से धरना समाप्त करने की बात कही। लेकिन ग्रामीणों ने एक टूक में जवाब देते हुए कहा कि जब तक धरौदी माइनर में पानी नहीं आ जाता, धरना जारी रहेगी, चाहे ग्रामीणों को अपने प्राण यहां क्यों न त्यागने पड़े।
विधानसभा सत्र में धरौदी माइनर की आवाज को करेंगे बुलंद
गांव धरौदी में धरनास्थल पर इनैलो नेता अभय सिंह चौटाला दोपहर बाद पहुंचे और उन्होंने किसानों व ग्रामीणों को सम्बोधित करते हुए कहा कि 11 गांवों के लोगों की जायज मांग हैं। इसलिए उनकी जो जिम्मेवारी सौंपी जायेगी, वो उस पर खरा उतरने का प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि विधानसभा सत्र में काम रोको प्रस्ताव डाला जायेगा। इनैलो पार्टी द्वारा पहले जो एसवाइएल की लड़ाई लड़ी जा रही है, अब धरौदी माइनर के मामले मेें सरकार को कटघरे में लाना का काम किया जायेगा। उन्होंने कहा कि नरवाना विधानसभा पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला का क्षेत्र रहा है, इसलिए इस इलाके के लोगों की आवाज उठाने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि वे सरकार के विपक्ष में बैठे हैं, इसलिए सरकार नाइंसाफी करें, तो राजनैतिक दलों की जिम्मेवारी बनती हैं, कि लोगों की समस्याएं उठायें। उन्होंने कहा कि वे राजनैतिक बाद में हैं, पहले सामाजिक हैं। उन्होंने कहा कि वे लोगों की दिक्कत में साथ लडऩे का काम हैं। उनको काम करवाने के लिए चाहे रास्ते क्यों न रोकने पड़े। उन्होंने कहा कि इनैलो का हर कार्यकत्र्ता उनके साथ है, कार्यकत्र्ताओं की जो जिम्मेवारी लगाओ, वे उनके साथ मिलेंगे।
धरौदी ग्राम पंचायत ने सामूहिक रूप से भेजा इस्तीफा
धरौदी माइनर को भाखड़ा नहर से जोडऩे की मांग को लेकर धरने पर बैठे लोगों के समर्थन में गांव धरौदी के सरपंच रामभज के नेतृत्व में 18 पंचों ने खंड एवं पंचायत अधिकारी के नाम सामूहिक इस्तीफा भेज दिया। ग्राम पंचायत ने इस्तीफे के माध्यम से कहा कि धरौदी माइनर को बरवाला लिंंक नहर से ना जोडऩे के कारण वे सामूहिक इस्तीफा देने को मजबूर हो गये हैं, क्योंकि नीचे का पानी 1400-1500 फीट नीचे चला गया है और पीने का पानी की टीडीएस 3 हजार से अधिक हो चुका है। ऐसे में गांव में लोगों को गंभीर रोग हो चुके हंै। ग्रामीण धरने पर बैठे हुए हैं, फिर भी समस्या की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
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ग्राम पंचायत धरौदी का सामूहिक इस्तीफा उनको नहीं सौंपा गया है, शायद कार्यालय में देकर गये हों। अभी इस बारे में कोई जानकारी नहीं हैं।
राजेश टिवाना, बीडीपीओ
नरवाना।
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