सत्यखबर हिसार (विनोद सैनी) – वर्तमान में तकनीक जिस तरीके से विस्तार कर रही है उससे जनमानस की सुगमता और बढ़ रही है। हर रोज नए प्रयोग हो रहे हैं जो अच्छे खासे लोगों के बीच में पसंद भी किए जा रहे हैं और उनके दैनिक जीवन में काम भी आ रहे हैं। लेकिन जब किसी संस्थान के छात्रों द्वारा कोई नई खोज की जाए और वह एक क्रांतिकारी बदलाव की सुगबुगाहट लेकर आती हो तो अपने आप में बड़ी बात हो जाती है। ऐसा ही कुछ कारनामा हरियाणा के हिसार स्थित गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के 3 बीटेक छात्रों ने कर दिखाया है।
इन छात्रों ने अपने शैक्षणिक प्रोजेक्ट के रूप में एक ऐसे टॉपिक को लिया जो उनकी दैनिक जिंदगी के रूटीन में उन्हें प्रॉब्लम के रूप में फेस हुआ। बीटेक के एक छात्र मनीष को 2 साल पहले रेलवे की परीक्षा देने कहीं बाहर जाना था लेकिन उसे जो बसे मिली वह लगभग पहले से ही सवारियों से भरी हुई थी और जिस वजह से उनका अपना पेपर छूट गया। तब मनीष ने सोचा कि कोई ऐसी डिवाइस होनी चाहिए ताकि इंतजार कर रहे यात्री को बस की लोकेशन और उसमें सीट की उपलब्धता की जानकारी मिल सके। इसी आइडिया को उन्होंने अपने प्रोजेक्ट के रूप में लिया और इस तरीके से स्मार्ट बस अस्तित्व में आई।
प्रोजेक्ट को बनाने वाले बच्चों के गाइड और कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर विजय पाल ने बताया कि इस आईडिया को लेकर ये छात्र मेरे पास आए थे और मैंने इन्हें हर वह संभव मदद दी जिससे जमीनी स्तर पर यह प्रयोग सफल हो सका। विजयपाल ने बताया कि इन बच्चों ने लगभग चार महीने की कड़ी मेहनत से इस प्रोजेक्ट को बनाया है जिसके आधार पर अपने गंतव्य स्थान पर जाने के लिए इंतजार कर रहा यात्री खुद के मोबाइल फोन में एक ऐप के माध्यम से बस की लोकेशन और उसमें सीटों की उपलब्धता के बारे में जानकारी पा सकता है। प्रोफेसर विजय पाल ने बताया कि इस तरीके से कोई भी यात्री अपने ट्रैवल प्लान को अच्छे तरीके से मैनेज कर सकता है और उनके संस्थान के तीन छात्रों ने इस प्रयोग को बखूबी सफल करके दिखाया है।
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