सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान)-
रविवार को जनता कफ्र्यू का दिन सफल रहा। जहां, बुजुर्गों को अपने परिवार का सानिध्य मिला, वहीं बच्चे भी अपने कामकाजी मां-बाप को घर में पाकर अति प्रसन्न दिखे। मगर बच्चे तो बच्चे होते हैं, ज्यादा देर घर में कहां टिकने वाले थे। बाहर जाने की जिद्द करने लगे। अभिभावकों ने खूब समझाया, लेकिन उनका कोई भी उपाय काम ना आया। आखिरकार उन्होंने एक शर्त पर बाहर गली में जाने की इजाजत दी कि वे मुंह पर मॉस्क लगाएंगे। बच्चे भी बाहर जाकर खेलने के लिए कोई भी शर्त मानने के लिए तैयार थे। उन्होंने मॉस्क पहना और लगे गली में खेलने। यह भी गनीमत रही कि सारा दिन गली सुनसान रही। मगर बच्चे तो बच्चे होते हैं। वे दिल के कच्चे जरूर होते हैं, लेकिन सच्चे भी होते हैं।
Aluminum transmission scrap Scrap aluminium licensing Metal waste resale
Metal recycling industry updates Ferrous material recycling advisory Iron scrap reclamation process
Ferrous material recycling depot, Iron scrap processing plant, Scrap metal transaction transparency
Scrap metal reclamation company Ferrous material recycling market Iron and steel scrapping and recycling
Ferrous material recycling resource conservation, Iron scrap processing plant, Metal reclamation facility