सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) – रसायनिक जहरीली कृषि पद्वति ही बीमारियों का मुख्य कारण है। आईआईटी खडकपुर व एचएयू हिसार जैसे संस्थानों की रिपोर्ट से साबित हो गया है कि मां का दूध व पशुओं का दूध भी जहरीला हो चुका है। रसायनिक खेती की खर्चीली पद्वती के कारण ही किसान कर्ज के बोझ तले दबा हुआ है। इसके विपरित जहर मुक्त खेती से कृषि स्वास्थ्य एवं कमाई की दृष्टि से लाभदायक है।
यह बात कृषि विशेषज्ञ वजीर सिंह ने ब्रहमाकुमारीज द्वारा आयोजित किसान प्रशिक्षण शिविर में बतौर मुख्यवक्ता कही। बीके सुषमा ने मेडिटेशन का अनुभव करवाया और मेडिटेशन द्वारा धरती को शक्तिशाली बनाने की विधि बताई। उन्होंने बताया कि ब्रहमाकुमारीज के ग्राम विकास प्रभाग द्वारा चलाई जा रही यौगिक व जैविक खेती पद्वति को अपनाकर देशभर के हजारों किसान क्वालिटी व लाभदायक खेती कर रहे हैं।
ब्रहमाकुमारीज ने किसानों को जहरमुक्त यौगिक व जैविक खेती पद्वति अपनाकर अपना व देश का भविष्य सुरक्षित करने का आहवान किया। रसायनिक खेती के कारण कैंसर, हॉर्ट अटैक, किडनी फेल, शुगर आदि कई जानलेवा बीमारी बढती जा रही हैं। इस अवसर पर सेंटर इंचार्ज बीके सीमा, बीके सुषमा, बीके ममता,डॉ साधु राम शर्मा, विजय सिंह ढुल आदि मौजूद थे।
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