जींद – (
रोहताश भोला) – कहते हैं आवश्यकता आविष्कार की जननी है…आवश्यकता ने जींद के नागरिक अस्पताल में एक आविष्कार को जन्म दिया है…नागरिक अस्पताल के सर्जन डॉ. चंद्रमोहन शर्मा ने एल्युमिनियम और शीशे से एक ऐसे फ्रेम को तैयार करवाया है….जो कोरोना संदिग्ध मरीज और चिकित्सक के बीच सुरक्षा कवच का काम करेगा….ये प्रदेश का एकमात्र कोरोना सेंपल टेस्टिंग बूथ है, जो नागरिक अस्पताल में स्थापित किया गया है… इससे चिकित्सकों को टेस्ट करने में सुविधा रहेगी और कोरोना वायरस से भी चिकित्सक का बचाव रहेगा
वीओ- दरअसल कोरोना का टेस्ट करते समय संदिग्ध मरीज के नाक और मुंह के अंदर गले से पिन के जरिए सेंपल लिया जाता है…सेंपलिंग के दौरान दौरान कई बार मरीज की छींक और उल्टी आ जाती है…जिससे मरीज के खांसी या छींक के छींटे चिकित्सक पर लग जाते हैं…जिससे चिकित्सक के संक्रमित होने की आशंका रहती है….कोरोना टेस्ट के दौरान कई चिकित्सकों के संक्रमित होने के मामले सामने आ चुके हैं…इस वजह से चिकित्सकों में संक्रमित होने का डर बना हुआ है
जींद के नागरिक अस्पताल के सर्जन डॉ. चंद्रमोहन शर्मा ने दक्षिण कोरिया में बने इसी तरह के उपकरण को कॉपी करते हुए एल्युमिनियम की चादर और शीशे के साथ केबिन नुमा फ्रेम को तैयार करवाया…इसमें से हाथ निकालने के लिए दो सुराख कर दस्ताने लगाए गए हैं, जिनमें से हाथ निकालकर सामने बैठे मरीज का टेस्ट किया जा सके…इसमें चिकित्सक और मरीज के बीच शीशा सुरक्षा कवच का काम करता है…जिससे टेस्ट के दौरान मरीज के खांसने और छींकने के छींटे चिकित्सक तक नहीं पहुंच पाते..वहीं इस पर रीब बीस हजार रुपये की लागत आई ..
शुक्रवार को सिविल सर्जन डॉ. जयभगवान जाटान, एमएस डॉ. गोपाल गोयल, वरिष्ठ दंत चिकित्सक डॉ. रमेश पांचाल, डिप्टी एमएस डॉ. राजेश भोला, डॉ. अजय चालिया ने डॉ. चंद्रमोहन शर्मा द्वारा बनवाए गए इस फ्रेम को चेक किया और उनकी तारीफ की..
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