सत्यखबर,झज्जर (जगदीप राज्याण)
कृषि कानून रद्द कराने को लेकर पिछले करीब तीन माह से टिकरी बॉर्डर पर डटे किसानों में से कुछ ने अब उनके परिचितों द्वारा ढूंढने के लिए साईन बोर्ड लगवा दिए हैं…जाखोदा बाईपास से टिकरी बॉर्डर तक करीब 12 किलोमीटर दायरे में दिल्ली हाइवे पर पंजाब के किसानों द्वारा लगवाएं गए साईन बोर्ड पर उनके नाम और पते का यहां नजारा आम देखा जा सकता है.
https://sat.magzian.com/%e0%a4%a8%e0%a4%b5%e0%a4%a6%e0%a5%80%e0%a4%aa-%e0%a4%95%e0%a5%8c%e0%a4%b0-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%aa%e0%a4%82%e0%a4%9c%e0%a4%be%e0%a4%ac-%e0%a4%94%e0%a4%b0-%e0%a4%b9%e0%a4%b0%e0%a4%bf%e0%a4%af/
ऐसा इसलिए किया गया है ताकि उनके सह-ग्रामीणों या फिर अन्य परिचितों को उन्हें ढूंढने में असवुविधा का सामना ना करना पड़े…आंदोलन स्थल पर हर 50 मीटर की दूरी पर 100 से अधिक ऐसे साइन बहादुरगढ़-टिकरी सीमा पर विरोध स्थल पर लगाए गए हैं.
किसानों का कहना है कि वो अपने गांवों से साइनबोर्ड बनवाकर लाए हैं…और उन्होंने इसे अपने सुविधानुसार यहां पर लगाया है…मुक्तसर पंजाब के किसान लखविंदर, पटियाला के किसान बलविंदर और भठिंडा के गांव भुच्चो कलां के किसान बलदेव सिंह के मुताबिक किसानों की मांगों के प्रति केंद्र के असंवेदनशील रवैये ने उन्हें यहां लंबा समय बिताने के लिए मजबूर कर दिया है….इसलिए उन्होंने अपने शिविर के बाहर अपने गांव/जिले का एक साइनबोर्ड लगाया है.
वहीं किसानों ने बताया कि नके साथ आई महिलाएं भी उनका पूरा सहयोग कर रही है..और उनको आंदोलन में आकर बहुत कुछ सीखने को मिला है.बता दें कि ट्रेन से पंजाब से प्रतिदिन काफी संख्या में किसान टिकरी बॉर्डर पहुंचते हैं…यहां ऑटो लिए जाने के बाद वो निर्धारित गंतव्य पर अपना स्थान और पता ढूंढ निकालते है….जिससे इन साइन बॉर्डों से उनको परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता.
Aluminium scrap material innovation Scrap aluminium disassembly Metal reclamation facility
Scrap metal export Ferrous material recovery center Iron scrap brokering
Residential ferrous metal recycling, Iron scrap shredding, Metal recyclable waste management