सत्यखबर, नूंह मेवात (ऐ के बघेल) – जिले के बहुचर्चित डिंगरहेड़ी डबल मर्डर, डबल गैंगरेप मामले में सुप्रीमकोर्ट में डाली गई एसएलपी मामले में शुक्रवार को दो जजों की बेंच ने सीबीआई और चार आरोपियों को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब माँगा है। दरअसल पीड़ित पक्ष सीबीआई की कार्रवाई से खुश नहीं था, जिसके चलते उन्होंने सुप्रीमकोर्ट में सीएलपी डाली। पीड़ित पक्ष की तरफ से केटीएस तुलसी एवं सलमान खुर्शीद के अलावा सुजैल अय्यूब वकील के तौर पर पेश हुए। वकीलों ने सारा माजरा डबल बेंच के न्यायमूर्ति जस्टिस बोपडे और जस्टिस नागरेश्वर ने सीबीआई को नोटिस जारी कर जवाब मांगा। पीड़ित परिवार को सुप्रीमकोर्ट से न्याय की उम्मीद जगी है। शुक्रवार को मामले की पैरवी कर रहे वकील एवं समाजसेवी के अलावा पीड़ित परिवार के लोग मीडिया के सामने आये।
पत्रकारवार्ता के दौरान वकीलों ने सीबीआई जांच पर जमकर सवाल उठाये और उच्चतम न्यायालय द्वारा जारी किये गए नोटिस से चेहरे पर रौनक देखने को मिली। वकीलों के मुताबिक केस को गलत दिशा में ले जाने की कोशिश की गई। पुलिस की थ्योरी पर भी सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि पहले तो पुलिस का कई दिन तक पीड़ित परिवार का ब्यान नहीं लेना और बाद में रेप पीड़िताओं द्वारा आरोपियों को पहचान लेना। सीबीआई पर केस गया तो वहां दूसरे अन्य चार आरोपियों को दोषी बताना। हद तो तब हो गई जब रेप पीड़िता लगातार बदमाशों की संख्या तक़रीबन आठ बता रही थी, लेकिन महज चार को गिरफ्तार किया गया। हालांकि बाद में आठ लोगों की चार्जशीट दाखिल की। जिनमें से चार नूंह पुलिस ने पकड़े थे तो चार लोग गुरुग्राम पुलिस ने पकड़े थे। जिन्होंने हत्या – गैंगरेप की कई घटनाओं को कबूला था, जिसमें से डिंगरहेड़ी घटना को भी बताया गया।
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