सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
भारतीय किसान यूनियन के प्रांतीय अध्यक्ष जोगेंद्र घासीराम नैन ने कहा कि कोरोना आपदा के चलते मुख्यमंत्री मनोहर लाल का इस सीजन में कुछ गेहूं दान करने की अपील सही हो सकती है। लेकिन देश का किसान सदियों से दान ही तो करता आया है। जिसके लिए उसे अन्न दाता के नाम से भी जाना जाता है। लेकिन इस बेचारे पर कभी ओला वृष्टि, कभी बेमौसमी बरसात, कभी सूखा की मार भी तो पड़ती रहती है। उस समय अगर उसे मुआवजा भी दिया जाता तो नाममात्र का। इसलिए वह अपनी गेहूं दान भी करेगा, तो कितनी कर पायेगा। जबकि पहले ही वह कर्ज के बोझ तले दबा पड़ा है। आज जब नेता, अभिनेता, पूंजीपति कोरोना चक्र तोडऩे के लिए घर बैठे हैं, यह किसान ही तो है जो देशवासियों को अनाज, दूध, फल-सब्जी भेज रहा है। इसलिए सरकार किसान के कृषि कार्य को ही दान स्वरूप माने और इस अन्नदाता की समस्याओं का समय-समय पर समाधान करवाए। वैसे परिस्थिति कोई भी हों, वह इस कोरोना महामारी में सामथ्र्य अनुसार दान देने में पीछे नहीं रहेगा।
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