सत्यखबर, असंध (रोहताश वर्मा) – एसडीएम अनुराग ढालिया ने कहा कि सर्वोच्य न्यायालय व नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की हिदायतों के दृष्टिगत इस बार खरीफ सीजन में धान के अवशेषों अथवा पराली जलाने को लेकर काफी सख्ती रहेगी। यदि कोई व्यक्ति अपने खेतों में पराली जलाता पाया गया तो उसके खिलाफ प्रशासन द्वारा कानूनी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। एसडीएम शुक्रवार को बीडीपीओ कार्यालय के सभागार में खंड स्तरीय पटवारियों, ग्राम सचिवों, सरपंचों व नम्बरदारों की बैठक लेकर उन्हें जरूरी दिशा-निर्देश दे रहे थे।
एसडीएम ने कहा कि प्रशासन व कृषि विभाग की ओर से इस विषय को लेकर बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान चलाए जा रहे है। किसानों को जागरूक करने के लिए जगह-जगह किसान मेले व जागरूकता कैम्पों का आयोजन किया जा रहा है, जिसके माध्यम से उन्हें फसल अवशेष प्रबंधन व आधुनिक कृषि यंत्रों के बारे में जानकारियां दी जा रही है। उन्होंने बताया कि किसानों की सुविधा के लिए असंध उपमंडल में 21 कस्टम हाईरिंग सेंटर बनाए गए है। किसानों को चाहिए कि वे अपने निकट के सीएचसी से आधुनिक तकनीक के कृषि यंत्र लेकर पराली को जमीन में ही मिलाएं। एसडीएम ने पटवारियों से कहा कि वे वट्स एप ग्रुप बनाये और प्रतिदिन की गतिविधियां व जानकारियां इसमें डालते रहे। जो भी व्यक्ति पराली जलाता पाया जाता है उसकी सूचना तुरंत एसडीएम को दें ताकि संबंधित के खिलाफ कार्यवाही की जा सके। उन्होंने कहा कि खेतों में निगरानी के लिए एक गाड़ी हमेशा गश्त पर रहेगी, जिसमें पटवारी, ग्राम सचिव, कृषि विभाग का अधिकारी/कर्मचारी व पुलिस कर्मचारी तैनात रहेगा। एसडीएम ने कहा कि अगर कोई पराली जलाता हुआ पाया जाता है तो वह पर्यावरण के नुकसान की भरपाई देने के लिए उत्तरदायी होगा। उस व्यक्ति से दो एकड़ भूमि तक 2500 रूपये,दो से पांच एकड़ भूमि तक 5000 रूपये तथा पांच एकड़ से ज्यादा भूमि पर 15000 रूपये तक जुर्माना वसूला जाएगा। उन्होंने बताया कि पराली जलाने वालों की सूचना देने वाले व्यक्ति का नाम गुप्त रखा जाएगा।
इस मौके पर उप पुलिस अधीक्षक दलबीर सिंह ने कहा कि जो व्यक्ति पराली जलाता हुआ पाया गया ,पुलिस प्रशासन उसके खिलाफ सख्ती से निपटेगा। तहसीलदार नवजीत कौर ने कहा कि सैटेलाईट से पता चल जाता है कि किस जगह और किस खेत में पराली में आग लगी हुई है,सभी ग्राम सरपंच इसके लिए किसानों को अपने स्तर पर समझाएं। उन्होंने सभी से अपील की कि कोई भी व्यक्ति अपने खेतों के अंदर फसल अवशेषों में आग ना लगाए,इससे वातावरण तो दूषित होता ही है साथ ही भूमि की उर्वरा शक्ति भी कम हो जाती है।
इस अवसर पर नायब तहसीलदार बल्ला सूरजभान, कृषि विकास अधिकारी डा०श्याम सिंह, मार्किट समेटी सचिव कृष्ण धनखड़, ईशम सिंह, हरीश कुमार, सरपंच, पटवारी, ग्राम सचिव व नम्बरदार उपस्थित थे।
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