सत्यखबर, चंडीगढ़
पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने शिक्षा नीति के नाम पर प्रदेश सरकार द्वारा की जा रही इवेंटबाजी पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार आने के बाद से हरियाणा में शिक्षा का स्तर लगातार गिरता जा रहा है। क्योंकि सरकार ने नये स्कूल खोलने की बजाय हजार से ज्यादा स्कूलों को बंद कर दिया। 7 साल में सरकार ने एक भी जेबीटी भर्ती नहीं निकाली। नौकरी देने की बजाय मौजूदा सरकार ने पीटीआई और ड्राइंग टीचर्स की नौकरी छीनने का काम किया है। भर्तियां करने की बजाय सरकार ने पीजीटी संस्कृतए टीजीटी इंग्लिश जैसी भर्तियों को रद्द करने का काम किया है। सरकार के इसी रवैये के चलते आज शिक्षा महकमे में करीब 50000 पद खाली पड़े हुए हैं। इतना ही नहीं प्रदेश के 50 प्रतिशत स्कूलों में तो हेड टीचर तक नहीं है। ऐसे हालात में बीजेपी-जेजेपी सरकार द्वारा नयी शिक्षा नीति के नाम पर जश्न मनाना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि नये टीचर्स की भर्ती किये बिना सिर्फ स्कूलों को बंद करने से शिक्षा का स्तर नहीं सुधरेगा
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने याद दिलाया कि कांग्रेस सरकार के समय हरियाणा विश्व मानचित्र पर शिक्षा के हब के रूप में उभर रहा था। कांग्रेस सरकार के दौरान प्रदेश में एक केंद्रीय विश्वविद्यालय, 7 राजकीय विश्वविद्यालय, 23 डीम्ड विश्वविद्यालय, 35 राजकीय महाविद्यालय, 481 तकनीकी संस्थान, 6 मेडिकल कॉलेज, 132 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, 2623 स्कूलों की स्थापना करने का कार्य हुआ था। इस दौरान राजीव गांधी एजुकेशन सिटी जैसी परियोजनाओं की स्थापना हुई। जिसके चलते पूरे भारत ही नहीं दूसरे देशों के विद्यार्थी भी यहां शिक्षा प्राप्त करने के लिये आने लगे।
हुड्डा ने कहा कि उनकी सरकार के दौरान ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, राष्ट्रीय कैंसर संस्थान, आईआईटी दिल्ली का विस्तार परिसर, आईआईएम, देश का दूसरा राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान, केंद्रीय प्लास्टिक इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी संस्थान, आईआईआईटी एवं निफ्टम, राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान, विश्व का पहला ग्लोबल सेंटर फार न्यूक्लियर एनर्जी पार्टनरशिप जैसे दुनिया के प्रतिष्ठित संस्थान हरियाणा में आए।
हुड्डा ने कहा कि शिक्षा के आधारभूत ढांचे को मजबूती देकर उनकी सरकार ने हरियाणा के उज्जवल भविष्य की नींव रखी थी। लेकिन बीजेपी सरकार के 7 साल में एक भी ऐसी परियोजना या संस्थान हरियाणा में नहीं आया। इसके विपरीत मौजूदा सरकार में कांग्रेस सरकार के दौरान मंजूरशुदा संस्थानों के काम को लटकाने और कैंसिल करवाने का काम हुआ।
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कांग्रेस सरकार के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए शुरू हुए किसान मॉडल स्कूलों को बीजेपी सरकार ने बंद ही कर दिया। इतना ही नहीं बीजेपी सरकार ने कांग्रेस सरकार के दौरान शुरू किए गए आरोही स्कूलों को भी बंद होने की कगार पर पहुंचा दिया है। ऐसे में नयी शिक्षा नीति का ढिंढोरा पीटना महज इवेंटबाजी है। बिना शिक्षा के आधारभूत ढांचे को मजबूत किए शिक्षा का स्तर नहीं बढ़ाया जा सकता। खुद भारत सरकार के नीति आयोग की ताजा एसडीजी रिपोर्ट बताती है कि हरियाणा शिक्षा के क्षेत्र में पड़ोसी राज्यों से पिछड़ गया है।
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