सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
नरवाना सीडीपीओ-1 के अधीन आने वाले 176 आंगनवाड़ी केंद्रों में से 35 में शौचालय नहीं हैं। इससे सरकार के घर-घर शौचालय के दावों की पोल खुलती नजर आती है। ऐसा आरटीआई एक्ट के अधीन मांगी गई सूचना से खुलासा हुआ है। गौरतलब है कि सरकार द्वारा केंद्र की स्कीम के तहत यह सेंटर खोले गए थे, जिनमें छोटे-छोटे बच्चों को पौष्टिक आहार देने का प्रावधान रखा गया था। लेकिन सरकार व प्रशासन की अनदेखी से आंगनबाड़ी केंद्रों में इन छोटे-छोटे बच्चों के लिए जरूरत पडऩे पर शौचालय का प्रबंध ना होना एक बड़ी लापरवाही का नमूना है। इसके इलावा आरटीआई एक्ट के अधीन जन सूचना अधिकारी एवं सीडीपीओ-1 से सूचना कार्यकर्ता मनदीप ने 11 बिंदुओं पर सूचना मांगी थी, जिसमें एक बिंदु के अंतर्गत प्रत्येक सेंटर में बच्चों की संख्या की सूची उपलब्ध करवाने की मांग की गई थी। लेकिन सीडीपीओ-1 द्वारा 176 आंगनवाड़ी केंद्रों में दाखिल 7224 बच्चों की संख्या देकर खानापूर्ति कर ली गई। जिससे प्रतीत होता है कि जन सूचना अधिकारी एवं सीडीपीओ प्रथम द्वारा संख्या और सूची में कोई अंतर नहीं समझा गया।
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अधूरी सूचना देकर आरटीआई एक्ट के साथ खिलवाड़
आरटीआई कार्यकर्ता मनदीप का कहना है कि इस तरह की अधूरी सूचना देकर जन सूचना अधिकारी द्वारा सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के साथ खिलवाड़ किया गया है। जिसके लिए वह प्रथम अपीलीय अधिकारी को अपील करेंगे। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों में सीडीपीओ द्वारा प्रत्येक बच्चे की सूची ना देकर केवल 7224 की संख्या उपलब्ध करवाया जाना इस बात पर भी सवालिया निशान खड़ा करता है कि इन आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को पौष्टिक आहार देने के लिए बुलाया जाता है। उन्होंने कहा कि यदि आंगनवाड़ी केंद्रों पर सरकार के स्तर पर कोई जांच की जाए, तो इससे बहुत बड़े गड़बड़ घोटाले का पर्दाफाश हो सकता है।
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