सत्यखबर जींद (इन्द्रजीत शर्मा) – जिला मुख्यालय स्थित नागरिक अस्पताल में वीरवार को एड्स पीडि़त लोगों के सामाजिक और आर्थिक मदद और विभिन्न विभागों द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी देने के लिए सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार की अध्यक्षता सिविल सर्जन डा. संजय दहिया ने की जबकि डीएलएसस सचिव ईशा खत्री, रेडक्रॉस सचिव आरके सूरा, डिप्टी एमएस डा. राजेश भोला, उप सिविल सर्जन डा. जितेंद्र व डा. प्रभुदायल ने शिरकत की।
सीएमओ डा. संजय दहिया ने कहा कि आज देशभर में लगभग 20 लाख लोग एड्स बीमारी से ग्रस्त हैं जबकि हरियाणा प्रदेश में एड्स बीमारी से ग्रस्त लोगों की संख्या 21482 है। इसके अलावा जींद में स्वास्थ्य विभाग के तहत 465 मरीजों को रजिस्ट्रड किया गया है। उन्होंने कहा कि एड्स एक ऐसी बीमारी है जिसके संबंध में जागरूक होना ही बचाव का एक बढिय़ा तरीका है। इसलिए इस भयानक बीमारी के संबंध में पूर्ण जानकारी होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित खून, संक्रमित सुई और यदि कोई महिला एचआइवी पॉजिटिव है और गर्भवती है तो होने वाले बच्चे को भी एचआईवी हो सकता है। एड्स का विषाणू मनुष्य के शरीर में घुस कर रोक प्रतिरोधक शक्ति को नष्ट कर देता है। यह विषाणू अनैतिक संबंध बनाने, एचआईवी ग्रस्त मां से हाने वाले शिशु को, एड्स ग्रस्त व्यक्ति का रक्त लिए जाने पर या एचआईवी ग्रस्त सूई को बार-बार उपयोग में लाने पर होता है।
डीएलएसस सचिव ईशा खत्री ने कहा कि भारत युवाओं का देश है। इसलिए युवाओं को इस भयानक बीमारी के संबंध में पूर्ण जानकारी होनी चाहिए। एचआईवी एक ऐसा वायरस है जो हमारे शरीर में जाकर पनपता है। इसे यदि किसी व्यक्ति के शरीर में एचआईवी का वायरस प्रवेश कर जाए तो देर सवेर उस व्यक्ति को एड्स नाम का रोग लग जाएगा। उन्होंने कहा कि युवाओं को इस भयानक बीमारी के संबंध में पूर्ण जानकारी होनी चाहिए।
रेडक्रॉस सचिव आरके सूरा ने कहा कि एड्स ग्रसित मरीजों को उपचार के दौरान अनेक सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाती हैं। एड्स ग्रसित मरीज को प्रति माह 1800 रुपये तथा 500 रुपये खान-पीन के तौर पर अतिरिक्त दिए जाते हैं।
डिप्टी एमएस डा. राजेश भोला ने कहा कि एड्स बीमारी के लिए विभाग द्वारा 1097 टोल फ्री नंबर जारी किया गया है। इस नंबर पर कोई भी व्यक्ति फोन कर एड्स बीमारी को लेकर जानकारी हासिल कर सकता है। इस नंबर पर फोन करने वाले का कोई पैसा नहीं लगेगा और उसे मुफ्त जानकारी उपलब्ध होगी। इस सेमिनार का उद्देश्य ही यही है कि ऐसे लोगों को जागरूक किया जा सके और उन्हें पुनर्वास के लिए प्रेरित किया जा सके। क्योंकि यह रोग समाज में उठने-बैठने, हाथ मिलाने से नहीं होता है। बस हमें प्रयास करना चाहिए कि हम एड्स ग्रसित लोगों को हीन भावना से न देखें। उप सिविल सर्जन डा. जितेंद्र व डा. प्रभुदायल ने कहा कि एचआईवी एक ऐसा वायरस है, जो हमारे शरीर में जाकर पनपता है।
इसे यदि किसी व्यक्ति के शरीर में एचआईवी का वायरस प्रवेश कर जाए तो देर-सवेर उस व्यक्ति को एड्स नाम का रोग लग जाएगा। यह वायरस मनुष्य के शरीर के प्राकृतिक सुरक्षा तंत्र को धीरे-धीरे खत्म कर देता है जिसके कारण मनुष्य के शरीर में बीमारियों से लडऩे की ताकत नहीं रहती और एक ऐसी स्थिति आ जाती है कि साधारण जुखाम जैसी बीमारी भी असाध्य हो जाती है, जो मनुष्य की मृत्यु का कारण बनती है। ऐसे में इस रोग के प्रति पूर्ण जानकारी ही हमे इस रोग से बचा सकती है। इस मौके पर डाटा मैनेजर अभिषेक, एड्स काउंसलर रवि वर्मा, गुलाब सिंह, महेंद्र सिंह, कुसुम ने भी विचार व्यक्त किए।
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