सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान):-
नाम खुमारी नानका चढ़ी रहे दिन रात रब तो होर की मंगा सर पर रहे तेरा हाथ, के रचयिता एवं सिखों के प्रथम गुरू नानक देव को याद करते हुए राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के प्राचार्य किताब सिंह मोर ने कहा कि गुरू नानक महाराज वाकई में शांति के अग्रदूत थे। उन्होंने रब से अपने लिए कुछ ना मांग कर लोगों को शांति का संदेश देने के लिए अपना सारा जीवन लगा दिया। सच मानो तो वे इस धरती पर एक अवतार के रूप में पैदा हुए थे और ना केवल अपने देश भारत, बल्कि दुनिया में अपनी अमिट छाप छोड़ गए। उनके बताए हुए रास्तों पर चलकर सिख धर्म के बाद के गुरुओं ने भी आपसी भाईचारे और प्यार-प्रेम का संदेश दिया। ऐसी महान आत्मा श्री गुरु नानक जी के 550वें प्रकाश वर्ष पर वे देशवासियों को लख लख बधाई देते हैं और सिख धर्म के इस महान प्रवर्तक को शत-शत नमन करते हैं।
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