भाव भावांतर योजना के नियमों की उड़ी धज्जियां
सत्यखबर, चरखी दादरी (विजय कुमार) – भाव भावांतर योजना के तहत रजिस्ट्रेशन करवाने के बावजूद भी आढ़तियों द्वारा जे-फार्म न देने तथा टमाटर की खरीद न करने पर किसानों ने बीती देर रात नई सब्जी मंडी के सामने रोड पर टमाटर बिखेर कर हंगामा किया। सुबह टमाटर लेकर पहुंचे किसानों ने खरीद नहीं होने पर सब्जी मंडी के गेट पर ताला जड़ दिया और टमाटर रोड पर डालकर रोष प्रदर्शन कर नारेबाजी की। किसानों के विरोध को देखते हुए पुलिस मौके पर पहुंची और किसानों को समझाने का प्रयास किया। लेकिन किसान लगातार अपनी मांगों पर डटे रहे। काफी देर बाद प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और किसानों लिखित में आश्वासन देकर ताला खुलवाया। अब किसानों का रजिस्ट्रेशन होने के बाद टमाटर की खरीद की जाएगी।
दादरी के किसान अपनी फसलों की बर्बादी या उनके उचित दाम ना मिल पाने को लेकर परेशान हैं। कुछ ऐसा ही हाल देखने को मिला चरखी दादरी में, जहां चरखी दादरी जिले के किसानों ने अच्छी आमदनी की चाह में 1300 एकड़ में टमाटर की खेती तो कर ली। मगर अब आप मुनाफा तो छोडि़ए बल्कि इन किसानों को अपने टमाटरों की लागत भी नहीं मिल पा रही है। अब जब टमाटर का मंडी में बेचने का समय आया तो किसान को खरीदार ही नहीं मिल रहे हैं। इस कारण से किसान अपने टमाटर को सडक़ पर फेंकने का मजबूर हैं। बीती रात भी किसानों ने टमाटर सडक़ पर फेंककर रोष जताया। सुबह किसान मंडी में टमाटर लेकर पहुंचे तो खरीददार ही नहीं मिला। जिसको लेकर किसानों ने रोष प्रदर्शन करते हुए टमाटर सडक़ पर फेंककर गेट पर ताला जड़ दिया।
विभिन्न गांवों से आए किसानों ने मार्केट कमेटी के कुछ अधिकारियों पर आढ़तियों के साथ मिलीभगत कर कम दामों पर टमाटर खरीदने के आरोप भी लगाए। किसानों ने बताया कि सरकार द्वारा भाव भावांतर योजना लागू की गई थी। जिसके तहत टमाटर की फसल कम से कम चार रूपए प्रतिकिलो के हिसाब से खरीदी जाती हैं। किसानों ने बताया कि वे मंडी में टमाटर बेचने आते हैं तो उनसे एक रूपया प्रति किलो के हिसाब से टमाटर खरीदा जाता हैं। जिसकी एवज में उन्हें जे-फार्म भी नहीं दिया जाता। जिसके कारण उन्हें भाव भावांतर योजना का लाभ मिलना लगभग नामुमकिन हैं। दादरी की नई सब्जी मंडी में वर्तमान में कई दर्जन आढ़ती टमाटर की खरीद करते हैं। लेकिन उनमें से केवल एक ही आढ़ती किसानों को जे-फार्म उपलब्ध करवा रहा हैं। ऐसे में मार्केट कमेटी के अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। किसानों द्वारा सडक़ के बीचोंबीच टमाटर डालकर प्रदर्शन से रोड पर दोनों तरफ दूर-दूर तक लंबा जाम लग गया।
किसानों के विरोध को देखते हुए तहसीलदार नवनीत मौके पर पहुंचे और किसानों को समझाने का प्रयास किया। उन्होंने बताया कि मार्केट कमेटी अधिकारियों द्वारा लिखित में दिया गया है। अब रजिस्ट्रेशन के बाद किसानों का टमाटर उचित रेट पर खरीद जाएगा। आश्वासन के बाद किसानों ने ताला खोल दिया है। यदि इस मामले में मार्केट कमेटी के किसी कर्मचारी की संलिप्तता पाई जाती हैं तो उसके खिलाफ भी कार्यवाही की जाएगी।
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