सत्यखबर बहादुरगढ़ (योगेन्द्र सैनी) – मांडोठी और आसौदा गांव के किसान आज नहर पर इकट्ठे हुए और किसान नेता रमेश दलाल की अगुवाई में उन्होंने बहादुरगढ़ प्रशासन द्वारा रोका गया पानी खुद ही खोल दिया। किसानों का कहना है कि महीने में 1 सप्ताह के लिए ही सिंचाई करने वाली नहर में पानी आता है जिसे बांध लगाकर बहादुरगढ़ प्रशासन से रोक दिया। ताकि बहादुरगढ़ शहर के लोगों की पीने के पानी की आपूर्ति की जा सके। लेकिन किसानों ने अपने खेतों में धान की फसलें लगाई हैं। जो पानी के अभाव में सूख रही हैं। जिससे उनकी साल भर की मेहनत बर्बाद होने का खतरा बना हुआ है। इसलिए किसानों में रोष है।
पानी रोकने के आदेश बहादुरगढ़ के विधायक नरेश कौशिक की ओर से प्रशासन को दिए गए थे। ताकि पानी की किल्लत से जूझ रहे बहादुरगढ़ के लोगों को कुछ राहत मिल सके। लेकिन सिंचाई का पानी रोकने से किसान नाराज हो गए और पानी को लेकर टकराव की स्थिति उत्पन्न हो गई। किसान नेता रमेश दलाल का कहना है की यह पानी किसानों के लिए आया था जिसे शहर में जलापूर्ति करने के लिए रोक दिया गया। ऐसे में सीधे-सीधे विधायक नरेश कौशिक के खिलाफ पानी चोरी करने का केस बनता है। इसलिए किसानों ने पुलिस से विधायक नरेश कौशिक के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है और एक लिखित शिकायत भी पुलिस को सौंपी गई है जिसमें विधायक नरेश कौशिक के खिलाफ एफआईआर करने की मांग की गई है।
वही सिंचाई विभाग के एक्सईएन एमपी तवर का कहना है कि उन्होंने विधायक नरेश कौशिक को बताया था कि इस नहर में गांव के लोगों के खेतों में सिंचाई करने के लिए पानी आए हैं। लेकिन उन्होंने दबाव बनाकर पानी रोक दिया और बहादुरगढ़ माइनर में मोटर द्वारा लिफ्टिंग शुरू कर दी। उन्होंने बताया कि किसानों के लिखित शिकायत आने पर विधायक नरेश कौशिक पर एफ आई आर करने के लिए रिकमेंड कर दिया गया है। उनका साफ कहना है कि विधायक नरेश कौशिक के मौखिक आदेशों के बाद सिंचाई विभाग ने पानी रोकने की मंजूरी दी थी।
वही मौके पर पहुंचे मांडोठी पुलिस चौकी प्रभारी बीर सिंह का कहना है क्यों ने अभी शिकायत मिली है और जिस प्रकार का मामला यहां बनता होगा वैसी ही कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
हम आपको बता दें कि बहादुरगढ़ शहर इन दिनों पानी की किल्लत के चलते लोग बेहद परेशान है। बहादुरगढ़ शहर और सेक्टरों को पानी सप्लाई करने वाले सभी टैंक खाली पड़े हैं। इसलिए विधायक नरेश कौशिक ने गांव की खेतों में सिंचाई के लिए जाने वाले पानी को रोककर बहादुरगढ़ तक पहुंचाने के आदेश दिए थे। लेकिन शहर के लोगों की प्यास बुझाने के लिए गांव के खेतों तक जाने वाले पानी को रोकना भी एक अपराध है। क्योंकि यह पानी सिंचाई के लिए आना था और इस पानी के अभाव में किसानों की बेशकीमती फसलें सूखने के कगार पर है। शहर में पानी नहीं पहुंचने की मुख्य वजह अधिकारियों और शासन-प्रशासन की उदासीनता है। क्योंकि अगर समय रहते अगर बहादुरगढ़ माइनर की सफाई और मरम्मत करवा दी गई होती। तो पानी की किल्लत से लोगों को जूझना नहीं पड़ता।
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