Haryana
पीजी कॉलेज सफीदों में डीसी रेट पार्ट 2 की भर्तियों में धांधली का मामला
शिकायतकर्ता ने कार्रवाई की मांग को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल को लिखा पत्र सत्यखबर सफीदों (महाबीर मित्तल) – सफीदों के राजकीय पीजी कॉलेज में डीसी रेट पार्ट 2 की भर्तियों में धांधली का मामला एक बार फिर गर्मा गया है। इस मामले के शिकायतकर्ता सफीदों निवासी शिवप्रकाश ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई व सही भर्ती […]
शिकायतकर्ता ने कार्रवाई की मांग को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल को लिखा पत्र
सत्यखबर सफीदों (महाबीर मित्तल) – सफीदों के राजकीय पीजी कॉलेज में डीसी रेट पार्ट 2 की भर्तियों में धांधली का मामला एक बार फिर गर्मा गया है। इस मामले के शिकायतकर्ता सफीदों निवासी शिवप्रकाश ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई व सही भर्ती करवाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल को शिकायती पत्र भेजा है। पत्र में शिवप्रकाश ने बताया है कि राजकीय पीजी कॉलेज सफीदों में हुई डीसी रेट पार्ट 2 के तहत की गई भर्तियों में भारी घोटाला हुआ है। तात्कालीन कॉलेज प्राचार्य हंसराज ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए भर्ती में नियमों को ताक पर रखते हुए अपने चहेतों को भर्ती किया। भर्ती में ना तो पॉलिसी पार्ट-2 के नियमों की पालना हुई और ना ही भर्ती के कोई मापदंड अपनाए गए। जो व्यक्ति न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता ही नहीं रखते उन्हें रिटर्न कर लिया गया। एक भर्ती प्रक्रिया में अलग-अलग भर्ती नियम बनाकर अपने चहेतों को भर्ती किया गया।
शिवप्रकाश ने कहा कि यह भर्ती रोजगार कार्यालय सफीदों के माध्यम से ना करवाकर प्राचार्य ने अपने हिसाब से की। भर्ती में हुए घोटाले के उदाहरण देते हुए शिवप्रकाश ने बताया कि नियमों को उल्लंघन करते हुए कश्मीर सिंह को लाइब्रेरी सहायक पद पर रिटेन किया गया, क्योंकि यह अभ्यर्थी पार्ट वन में न्यूनतम दसवीं पास था और इसे पार्ट 2 में रिटेन किया गया जिसमें न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 12वीं पास है। रमेश चंद जोकि भूतपूर्व कर्मचारी का बेटा है जो पार्ट वन में चपरासी के पद पर था उसे नियमों को ताक पर रखकर पार्ट 2 में लैब सहायक के पद पर रिटेन कर दिया गया। अपने चेहतों को भर्ती करने के लिए प्राचार्य ने माली व चपरासी के पदों की न्यूनतम योग्यता आठवीं पास है को दरकिनार करते हुए मेरिट 12वीं के आधार पर बनाई गई। कम्प्यूटर सहायक पद के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 12वीं पास रखी गई जबकि मेरिट स्नातक के अंकों के आधार पर बनाई गई।
इस पद के लिए 2 अभ्यर्थी जो स्नातकोत्तर हैं उनके स्नातकोत्तर के अंकों को आधार क्यों नहीं बनाया गया। कंप्यूटर लैब असिस्टेंट पद के लिए एक ऐसी युवती का चयन किया हुआ है जोकि करनाल जिले के एक इंस्टीस्च्यूट में बीएड प्रथम वर्ष की नियमित छात्रा है। एक व्यक्ति दो जगह कैसे कार्य कर सकता है। कलर्क पद के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता स्नातक रखी गई जबकि नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए कॉलेज प्राचार्य ने मेरिट का आधार 10वीं, 12वीं व स्नातक के अंको का कुल जोड़ बनाया गया। मेरिट का आधार न्यूनतम योग्यता या इसके साथ उच्च योग्यता होता है नाकि लोअर क्वालिफिकेशन के अंकों का जोड़।
उक्त पद पर राहुल नामक युवक को चयनित करके नियुक्त किया गया जो कि राजकीय महाविद्यालय सफीदों में जगदीश लाल अधीक्षक का पुत्र है। शिकायत कत्र्ता ने बताया कि उसने 15 मई को सफीदों उपमंडल के गांव छाप्पर में आयोजित जिला स्तरीय खुला दरबार में उपायुक्त के समक्ष यह घोटाला उठाया था जिस पर संज्ञान लेते हुए डीसी ने इस मामले की जांच सफीदों के एसडीएम को सौंपी थी। शिवप्रकाश ने मुख्यमंत्री से इस मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई व भर्ती को सही तरीके से करवाने की मांग की है।