सत्यखबर, दिल्ली
दिल्ली पैरलल नहर किनारे खड़े होकर बाथरूम करते समय इन्वर्टर मैकेनिक चांद मोहम्मद का पैर फिसल गया। वह नहर में जा गिरा। पास ही बाइक लेकर खड़े बड़े भाई शहनवाज ने हाथ बढ़ाकर बचाने की कोशिश की। छोटा भाई जानता था कि बड़ा भाई तैरना नहीं जानता। कहीं बड़ा भाई भी डूब न जाए, उसने हाथ ही आगे नहीं बढ़ाया। आंखों के सामने 23 वर्षीय छोटा भाई पानी में समा गया। भागकर असंध नाका चौकी पुलिस को लेकर वापस लौटा तो चांद आंखों से ओझल हो चुका था।
https://www.youtube.com/watch?v=TytrQqQKT28&t=2s
पुलिसकर्मी सुबह गोताखोरों की मदद से चांद को तलाशने की बात कहकर लौट गए। मंगलवार रात 9:45 बजे हादसा हुआ।बता दे की रात भर स्वजन गोताखोरों की तलाश में नहर किनारे स्थित कालोनियों में भटकते रहे। बुधवार सुबह पौ फटते ही 15 हजार रुपये में तीन गोताखोर लेकर नहर पर पहुंच गए। चांद को तलाशते-तलाशते गोहाना रोड ओवरब्रिज तक जा पहुंचे, लेकिन पुलिसकर्मियों ने उनके पास आने की जहमत तक नहीं उठाई।
साथ आए कालोनीवासियों का पुलिस कार्यप्रणाली पर गुस्सा फूटा तो उन्होंने जमकर विरोध किया। सोशल मीडिया के माध्यम से प्रशासनिक अधिकारियों से पुलिस कार्रवाई में तेजी लाने की मांग की। परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए राजनेताओं से सरकारी गोताखोर मुहैया कराने की भी गुहार लगाई।
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