सत्यखबर जाखल (दीपक) – किसानों की बिजली समस्याओं का निराकरण नहीं हो रहा। उनके समक्ष आ रही बिजली समस्या को लेकर किसान 132 केवी बिजलीघर में एसडीओ का तकरीबन 2 घंटे इंतजार कर अपने समक्ष आने वाली समस्या को लेकर 2 घंटे इंतजार करने के बाद बैरंग लौटे। किसानों ने आरोप लगाया की बिजली विभाग द्वारा किसानों का उत्पीड़न किया जा रहा है। बार-बार शिकायत देने के बावजूद भी कोई समाधान नहीं किया जा रहा। इन समस्याओं को लेकर किसान एक संघर्ष समिति बनाकर बड़ा आंदोलन करने को तैयार हैं।
क्षेत्र के आधा दर्जन गांवो के किसान शुक्रवार को बिजली समस्याओं का निस्तारण किए जाने की मांग को लेकर 132 केवी जाखल बिजली घर मैं सुबह 9:00 बजे एकत्रित हुए। परंतु 2 घंटे के लंबे इंतजार के बाद दूसरे फीडर के जेई संत सिंह को अपना ज्ञापन सौंपकर निराश ही बैरंग लौटना पड़ा क्योंकि उन्हें न तो एसडीओ साहब मिल पाए और ना ही उनका जेई ही मिल पाया। गांव तलवाड़ा, चुहड़पुर, म्योंद खुर्द के किसानों ने कहा कि उनके खेतों को मिलने वाली 8 घंटे बिजली में से उनको तीनों लाइनों में सिर्फ 2 घंटे बिजली दी जाती है।
उन्होंने अपनी मांग में लिखा कि अगर उनके खेतों को जाने वाली लाइनों की तारें जर्जर हैं या कोई अन्य फाल्ट है तो उसको सही तरीके से ठीक किया जाए। उन्होंने सरकार व उच्चाधिकारियों से अपील करते हुए कहा कि अगर उनकी यह समस्या 4 या 5 दिन में ठीक नहीं हुई तो वह मजबूरन बिजली घर के बाहर प्रदर्शन करने की रणनीति बनाएंगे। विज्ञापन देने वालों में किसान दया सिंह पंच, दर्शन सिंह, गुरतेज सिंह, सुखपाल सिंह, गुरचरण सिंह, बलवंत सिंह, मनिंदर सिंह, ज्ञान सिंह, सरदारा सिंह, जंटा सिंह, करतार सिंह एवं भीम सिंह इत्यादि मौजूद रहे।
इस बारे में गंगाराम जी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि कल चुहड़पुर को जाने वाली लाइन पर सफेदा का पेड़ गिर गया था जिस को बदलने के लिए सुरक्षा की दृष्टि से उन्हें तीनों लाइनों को बंद करना पड़ा। उन्होंने कहा इसीलिए कल किसानों को 2 घंटे बिजली कम मिल पाई। उन्होंने कहा कि उनकी हिसार बात चल रही है कंपन सेट करवाने के लिए जैसे ही उनको कोड मिल जाएगा और इनको मिलने वाली बिजली सप्लाई सुचारू हो जाएगी तो इनको कम मिली बिजली की आपूर्ति ज्यादा कर दी जाएगी। किसानों के अधिकारियों के ना मिलने के कारण बारे उन्होंने बताया की एसडीओ संजय सिंगला के पास भूना का भी एडिशनल चार्ज है। इसलिए किसानों को वह नहीं मिल पाए।
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