सत्यखबर, यमुनानगर
शहर के ट्रॉमा सेंटर में झकझोर देने वाली घटना सामने आई। एक मां अपने बेटे के शव के पास खड़ी अपने हालात पर घंटों रोती रही। जवान बेटे को कंधा देने उसके भाई और रिश्तेदारों में से कोई नहीं आया। अस्पताल के स्टाफ व डॉक्टर से कहती रही कि किसी तरह बेटे का संस्कार करा दो। मृतकों के संस्कार कराने के दावे करने वाली संस्थाएं भी काम न आई।
ये भी पढ़ें… रेलवे में इन पदों पर नौकरियां, बिना परीक्षा के होगी भर्ती, जानिए अपडेट
एक संस्था के सदस्य ने कहा कि वे लावारिश का संस्कार करा सकते हैं। कई अन्य ने भी हाथ खड़े कर दिए। बाद में मृतक की मां ने कहीं से पैसे जुटाए। तब सिविल अस्पताल के कर्मचारियों ने शव को श्मशानघाट पहुंचाकर संस्कार कराया। गांव उधमगढ़ की टपरियां निवासी दर्शना देवी ने बताया कि उसके 35 वर्षीय बेटे रणबीर को दो साल पहले झगड़े में चोट लगी थी। वह तभी से बीमार चल रहा था। अब सिविल अस्पताल यमुनानगर में शनिवार रात मौत हो गई, जबकि उसके पिता की पहले मौत हो चुकी है।
Scrap aluminium repurposing technologies Scrap aluminium transport logistics Metal waste repurposing facility