सत्यखबर, नरवाना, (सन्दीप श्योरान) – भूत-प्रेत, ओपरी-पराई कुछ नहीं होते, ये तो मात्र मन का वहम होता है। कुछ तांत्रिकों द्वारा अपना वर्चस्व बनाये रखने के लिए यह लोगों के बहकाने का एक तरीका है। यह कहना है, समाजसेवी व सरस्वती स्कूल धमतान के प्राचार्य मा. नाथीराम का, जोकि नरवाना क्षेत्र में साधारण व्यक्तित्व व मधुर भाषी के रूप में अपनी पहचान बनाये हुए हैं।
उनके बारे में यह कहावत भी प्रसिद्ध है, साधारण वेशभूषा में तथा साइकिल पर चलने वाला इस क्षेत्र में जो भी दिखाई दे, वह व्यक्ति शायद मा. नाथीराम ही हो सकता है। मा. नाथीराम सामाजिक कार्यक्रमों, यहां तक की रामलीला में भी अपने जादू के माध्यम से लोगों में अंधविश्वास को दूर करने की प्रेरणा देते रहते हैं। उनका कहना है जादू भी ऐसा कुछ नहीं है, बल्कि उन लोगों द्वारा इसमें अपनाए गए कुछ वैज्ञानिक तर्क होते हैं जिससे वे अपने करतब दिखाते हैं।
जब भी उन्हें कोई अंधविश्वास का किस्सा सुनने को मिलता है, तो वे झट से वहां पहुंचने के प्रयास में रहते हैं। जहां वे लोगों के मन से भय का भूत निकालने के लिए उन्हें तर्क देकर आडम्बरों से दूर रहने के लिए प्रेरित करते हैं।
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