सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) – 1857 में अंग्रेजो के दांत खट्टे करने वाली वीरांगना झांसी की रानी लक्ष्मी बाई को 19 नवम्बर, उनकी जयंती पर नमन करते हुए कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री विद्यारानी दनौदा ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी। विद्या रानी ने कहा कि रानी लक्ष्मीबाई ने भारतीय इतिहास की गौरव गाथा में सुनहरी अक्षरों में नाम लिखवा कर अपनी विशेष पहचान बनाई है।
सन सत्तावन में उनकी बहादुरी का वर्णन करते हुए एक कवि ने लिखा भी है, चमक उठी सन सत्तावन में यह तलवार पुरानी थी, खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी। उन्होंने कहा कि भारत की महिलाएं उस समय भी बहादुरी में पीछे नहीं थी और आज तो कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं है, जिसमें महिलाएं अपने झंडे नहीं गाड़ रही हों।
ऐसी महान वीरांगना झांसी की रानी को वह विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करती है और भारत की वीरांगनाओं से अपील करती है कि देश की रक्षा व मान- सम्मान के लिए वे पीछे नहीं हटेंगी।
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