Haryana
महिला आयोग की सदस्या के आदेशों के बावजूद भी छात्राओं की काटी जा रही हैं टिकटेें
सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :- गत 29 अगस्त को नरवाना-किठाना रूट के गांवों की छात्राएं महिला आयोग की सदस्या सुमन बेदी से मिली थी और उनको अपनी समस्याएं बताते हुए कहा था कि वे नरवाना में विभिन्न स्कूल, कॉलेजों में पढऩे के लिए आती हैं और उन्होंने अपनी संस्थानों के निश्शुल्क पास बनवाये हुए हैं, […]
सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
गत 29 अगस्त को नरवाना-किठाना रूट के गांवों की छात्राएं महिला आयोग की सदस्या सुमन बेदी से मिली थी और उनको अपनी समस्याएं बताते हुए कहा था कि वे नरवाना में विभिन्न स्कूल, कॉलेजों में पढऩे के लिए आती हैं और उन्होंने अपनी संस्थानों के निश्शुल्क पास बनवाये हुए हैं, जिसके तहत वे प्राइवेट बसों में निश्शुल्क सफर कर सकती हैं। लेकिन प्राइवेट बस वाले उनके साथ अभद्र व्यवहार कर टिकट काट देते हैं। इसके बाद सदस्या सुमन बेदी ने उनकी समस्या को सुनते हुए तुरन्त सचिव, परिवहन प्राधिकरण से बात की थी और प्राइवेट बसों के खिलाफ आवश्यक कारवाई करने के निर्देश दिये थे। उनके आदेशों के बाद 3-4 दिन तक अवैध प्राइवेट बसें बंद रही। लेकिन उसके बाद फिर सड़कों पर दौडऩे लगी। यही नहीं प्राइवेट बस संचालकों ने छात्राओं की टिकटें भी काटनी शुरू कर दी। छात्राओं ज्योति, निशा, नीतू, पूनम, सारिका, डिंपल, पिंकी, सुनैना आदि ने कहा कि उन्होंने निश्शुल्क पास बनवाये हुए हैं, फिर भी उनकी टिकटें काटी जा रही हैं। छात्राओं ने कहा कि जब उनको पास दिखाये जाते हैं, तो पास को मानने से इनकार बीच रास्ते में उतारने की धमकी दी जाती हैं। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि इस मामले में आवश्यक कारवाई की जाये। यही नहीं एक बुजुर्ग व्यक्ति सरदार सिंह की भी पूरी टिकट काट दी। जिससे सरकारी आदेशों की अवहेलना हो रही है। बुजुर्ग व्यक्ति ने इसकी एक शिकायत रोडवेज महाप्रबंधक को भेजी है और अवैध प्राइवेट बस संचालकों के खिलाफ आवश्यक कारवाई की मांग की है।
छात्राओं की टिकटें काटने का मामला संज्ञान में नहीं है। जल्द ही महिला आयोग की तरफ से आरटीओ, रोडवेज महाप्रबंधक की बैठक ली जायेगी और छात्राओं की टिकटें काटने संबंधी बातें की जायेंगी। छात्राओं को परेशानी नहीं होने दी जायेगी। -सुमन बेदी
जब सहायक आरटीए अधिकारी जिले सिंह यादव से इस मामले मेें बात करनी चाही, तो उन्होंने संतोषजनक जवाब न देते हुए फोन काट दिया। बार-बार फोन मिलाने के बावजूद फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा।