चेतावनी: अगर जल्द नहीं दिया जाता है फसलों का मुआवजा तो आंदोलन करने को होंगे मजबूर
सत्यखबर, महेंद्रगढ़ (मुन्ना लाम्बा)
महेंद्रगढ़ के गांव पाली में माइनर टूटने से लगभग 50 एकड़ फसल हुई जलमग्र। सोमवार देर रात को महेंद्रगढ़ के गांव पाली में माइनर टूटने से आसपास की लगभग 50 एकड़ फसल जलमग्र हो गई। पानी जमा होने के बाद खेतों में उगाई गई फसल पूरी तरह से तबाह हो गई है। काफी समय तक पानी न रोकने के कारण खेतों में करीब 8 से 9 फीट तक पानी जमा हो गया है। किसानों ने प्रशासन से बर्बाद हुई फसल के मुआवजे की मांग करते हुए चेताया है कि अगर उन्हें जल्द ही बर्बाद हुई फसलों का मुआवजा नहीं मिलता है तो उन्हें धरना-प्रदर्शन व आंदोलन करने को मजबूर होना पड़ेगा।
इस मौके पर किसानों ने नहर विभाग व प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए कहा कि कुछ समय पहले इस नहर में कुछ पेड़ टूटकर गिर गए थे। इस बारे में विभाग को कई बार मौखिक रूप से अवगत भी करवाया जा चुका था परंतु विभाग द्वारा शिकायत को नजरअंदाज कर उदासीन रवैया अपनाते हुए पेड़ों को नहीं हटाया गया। जिसके कारण सोमवार देर रात नहर ओवरफ्लो होकर टूट गई तथा आसपास की लगभग 50 एकड़ जमीन में किसानों द्वारा दिन-रात कड़ी मेहनत कर खुन-पसीना एक करके उगाई गई कपास व बाजरा की फसलें जलमग्र हो गई।
किसानों ने बताया कि बिजली कम आने की वजह से उन्होंने बड़ी परेशानियों के साथ किसी तरह जमीन में पानी देकर उसे जुताई के लायक बनाया था, परंतु जुताई, खाद व बीज का हजारों रुपये खर्च किए जाने के बाद जब फसल अपने चरम बिंदु पर पहुंच चुकी थी तो अब पानी ने उसको अपने आगोश में समा लिया। किसानों का कहना है कि अब दोबारा से फसल की बुआई करने पर आर्थिक नुकसान तो उठाना ही पड़ेगा। साथ बाजरा, कपास की फसल बुआई की तो समय सीमा ही समाप्त हो जाएगी साथ ही उन्होंने अगेती फसल की तैयारी भी कर ली थी लेकिन अब पूरा प्लान नहर विभाग की लापरवाही के चलते चौपट हो गया है।
उनहोंने बताया कि जब हम फसल को रोजमर्रा की तरह देखने के लिए आए तो पाया कि चारों तरफ पानी ही पानी भरा हुआ है तथा सारी फसल माइनर टूटने की वजह से बर्बाद हो गई है। किसानों ने विभाग व प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए मुआवजे की मांग की है तथा चेताया है कि अगर जल्द ही उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता है तो उन्हें धरना-प्रदर्शन व आंदोलन करने को मजबूर होना पड़ेगा। इस अवसर पर युवा नेता विनोद तंवर पाली, अजयपाल, अरूण, रविंद्र, सुनिल, रामन, बबली, दौलतराम, पीटीआई भरथसिंह, हरिओम, राजू, राजपाल, राजेंद्र, विषमभर, महेंद्र, पृथ्वी, बीजेंद्र, अमित भारद्वाज, प्रेम, अशोक, संदीप, लीलु, मनोज, बिट्टू, मनेंद्र, देवेंद्र, प्रीतम, अजय, राकेश आदि सहित गांव के सैकड़ों किसानों ने प्रदर्शन कर मुआवजे की मांग की।
Metal waste repackaging Ferrous material recycling symposiums Iron material repurposing
Ferrous material quality certifications, Iron scrap recovery and recycling, Metal scrap sorting
Aluminum scrap recycling trends Scrap aluminium market development Metal waste recovery facility