सत्यखबर भिवानी (अमन शर्मा) – कहते है सच्ची श्रद्घा हो तो भगवान का अशीर्वाद भी मिलता है तथा भक्ति भी पूरी होती है। भिवानी छोटी कांशी में भी मॉ के भक्त ना केवल माता के दरबार पैदल बल्कि कई भक्त तो ऐसे है जो माता के दरबार तक पेट के बल लेट कर जाते है वो भी पूरे 8 किलोमीटर दूरी तक। ऐसे भक्तो को देखने के लिए भीड भी जुटती है तथा वे कहते है कि माता उनकी मुराद पूरी करती है इसलिए वे भी माता में अपनी श्रद्धा रखते हुए पेट के बल लेटकर जाते है।
भिवानी रोहतक रोड पर गांव पालुवास निवासी लीला पिछले कई वर्षो से पेट के बल लेटकर माता के मंदिर देवसर जाता है। उनका कहना है कि वह हर वर्ष में दो बार आने वाले नवरात्रों में माता के दरबार यूं ही जाता है तथा अब से नही बल्कि पिछले 14 वर्षो से वह ऐसे ही जाता है। उनका कहना है कि उनकी हर मुराद माता पूरी करती है तथा वे भी माता के सच्चे भक्त है।
लीला ने बताया कि वे दो दिन में ही अपनी यात्रा पूरी करते हे जो कि पूरे आठ किलोमीटर तक की होती है। उन्होंने बताया कि माता के दरबार में पहुंच कर उनके सारे कष्ठ दूर होते है।
वही आज अष्टमी की पूजा के बाद भक्तो ने माता के दरबार में माथा टेक कर अपने व्रत भी पूरे किए। इस दौरान उन्होंने कन्याओं की पूजा की तथा उन्हें प्रशाद का भोग लगाया। उनका भी यही कहना था कि सच्चे मन से जो माता की पूजा करता है माता उसे फल देती है।
माता के श्रद्धालु करतार सिंह और मिनाक्षी का कहना है कि कन्याओं की कमी होने के कारण आठ कन्या को एकत्रित करने के लिए काफी मशकत करनी पड़ी। दूर दूर से छोटी कन्याओं को लाना पड़ा। आठ दिन माता रानी के व्रत रखने के बाद अष्टमी को छोटी कन्याओं को आज के दिन घर में बुला कर उनकी पूजा की जाती है और उनसे आर्शीवाद लिया जाता है। कन्याओं को प्रसाद के रूप में हलवा पूरी और फल भेंट किये जाते है।
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