सत्यखबर सिवानी मंडी (सुरेन्द्र गिल) – एक तरफ तो सरकार शिक्षा को लेकर विभिन दावे कर रही है लेकिन दूसरी मुख्यमंत्री द्वारा की गई स्कूल अपग्रेड की घोषणा को ठंडे बस्ते में डाल दिया है इसको लेकर बुधशेली और घघाला की पंचायत सासंद, मंत्रियों तक गुहार लगा चुके हैं लेकिन समस्या का कोई समाधान नही हो पा रहा है और आलम ये है कि दसवीं की पढ़ाई करने के बाद परिवहन सुविधा ना होने के कारण दोनों गांव के छात्रों को मजबूरी में पढ़ाई बीच मे ही छोड़नी पड़ रही है ।और गाँव की लडकिया चाहते हुए भी पढ़ नही पा रही है ।
ग्राम पंचायत बुधसेली और घंगाला ने प्रस्ताव पास कर स्कूल अपग्रेड की बार बार मांग भी कर चुके हैं गाँव बुधशेली के सरपंच रामनिवास का कहना है कि गाँव में उच्च विद्यालय स्थित है। दसवीं के बाद की पढ़ाई के लिए बच्चों को बाहर के स्कूलों में जाना प ड़ता है।लेकिन आस पास 10 किलोमीटर की दूरी में कोई वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय न होने के कारण अधिकतर बच्चे अपनी पढ़ाई छोड़ रहे हैं लेकिन अधिकारी इसमे आनाकानी कर रहे हैं घंगाला के सरपंच राजेश कुमार ने बताया कि
बुधसेली व घंगाला के ग्रामीण पिछले 6-7 वर्षों से गाँव में स्थित उच्च विद्यालय को अपग्रेड करने की मांग उच्च शिक्षा अधिकारियों व सरकार के पदाधिकारियों से कर रहे हैं। लेकिन उनकी यह माँग अभी तक पूरी नहीं हुई है। शिक्षा विभाग के स्कूल अपग्रेड करने के सभी नियम यह विद्यालय पूरे करता है। एक नियम के अनुसार या तो कक्षा 9वीं और 10वीं में 150 विधार्थी हों या उस उच्च विधालय के 5 किलोमीटर के दायरे में स्थित सभी विद्यालयों में से अधिकतम छात्र संख्या हो। गाँव बुधसेली में स्थित उच्च विद्यालय के 5 किलोमीटर के दायरे में कोई अन्य उच्च विद्यालय एवम 10-12 किलोमीटर के दायरे में कोई भी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय स्थित नहीं है ग्रामीण ओमप्रकाश नम्बरदार, सूबेदार प्रताप सिंह, मास्टर प्रताप सिंह,डॉ अनूप पूनिया, धूप सिंह महला ने बताया कि इसको वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बनाया जा सकता है।
लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारी इस अथवा वाली शर्त को मानने से इंकार करके आवेदन वापिस भेज देते हैं। सभी ग्रामीण 150 छात्र संख्या वाली शर्त की पाबंदी हटवा कर इस विधालय को अपग्रेड करने की मांग करते हैं ताकि गांव के सभी बच्चे अपनी 12वीं तक की पढ़ाई गांव में ही पूरी कर सकें और कोई भी बच्चा स्कूल के अभाव में अपनी पढ़ाई बीच में ही न छोड़ पाए। विद्यालय में लगभग40 कमरें, पानी की 2 टँकी व 2 कुंड, 8 एकड़ का विशाल मैदान व अन्य सभी विभागीय सुविधाएं उपलब्ध हैं। प्रवक्ताओं के 5 पद भी स्वीकृत हैं जिनको ही कक्षा 11वी व 12वीं को पढ़ाना होता है। इससे विभाग को अधिक भार भी नहीं पड़ेगा।अतः सभी ग्रामीण सरकार व शिक्षा विभाग के अधिकारियों से चालू शैक्षणिक सत्र(2019-20)से ही इसमें 11वीं कक्षा लगवाने की अनुमति भी चाहती हैं ताकि इस वर्ष जो छात्र दसवीं में पास हुए हैं वो अपनी पढ़ाई जारी रख सकें।
Metal waste traceability Ferrous material environmental impact assessment Iron recovery
Ferrous waste hauling, Iron scrapping facilities, Scrap metal recovery and reclamation
Aluminium scrap supply chain Aluminium recovery facility operations Metal recovery and reprocessing
Scrap metal disposal facility Ferrous waste recycling trends Iron reprocessing facility
Ferrous metal recycling cost-effectiveness, Iron and steel scrapping and recovery, Scrap metal auctions