सत्यखबर चंडीगढ़ (ब्यूरो रिपोर्ट) – जननायक जनता पार्टी के नेता और पूर्व सांसद दुष्यंत चौटाला ने राज्य सरकार द्वारा आधी रात को आपातकाल के प्रताड़ित लोगों को सम्मानित किए जाने पर सवाल उठाया है। दुष्यंत चौटाला ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से पूछा है कि क्या हरियाणा के 3000 युवा खिलाड़ियों को ऐसे सम्मान का अधिकार नहीं है ?
पूर्व सांसद दुष्यंत चौटाला ने कहा कि यह संयोग नहीं है कि हरियाणा सरकार गीता उत्सव के लिए लंदन तक जा रही है और आपातकाल प्रताड़ितों के लिए आधी रात को कार्यक्रम कर रही है जबकि खिलाड़ियों के सम्मान समारोह को यह कहकर रद्द कर दिया गया है कि इसमें बहुत वक्त लग खराब हो जाएगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा की भाजपा सरकार हर काम में वोटों की राजनीति करती है। दुष्यंत चौटाला ने हैरानी जताई कि देश का गौरव बढ़ाने वाले युवा खिलाड़ियों के सम्मान को लेकर राज्य सरकार में इच्छाशक्ति का इतना अभाव क्यों है। उन्होंने कहा कि ये 3000 युवा हरियाणा के गांवों, कस्बों के किसान परिवारों के बेटे-बेटियां है। राज्य सरकार 4 साल से इनका सम्मान रोककर साफ भेदभाव कर रही है और यह निंदनीय है।
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि यह साफ दिखता है कि मुख्यमत्री मनोहर लाल और खेल मंत्री अनिल विज के बीच मनमुटाव है और इसका खामियाजा खिलाड़ियों को भुगतना पड़ रहा है। दुष्यंत ने कहा कि खेल मंत्री ने मीडिया के जरिए एक सप्ताह पहले इस बात पर नाराजगी ज़ाहिर की थी कि रोहतक में हुए राज्य स्तरीय योग दिवस कार्यक्रम में उन्हें आमंत्रित नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि संभव है कि इसी से नाराज़ होकर मुख्यमंत्री ने अनिल विज के विभाग के खिलाड़ी सम्मान समारोह को रद्द कर दिया है। दुष्यंत ने भाजपा की अंदरूनी राजनीति में खिलाड़ियों के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाने की कड़ी निंदा की है। उन्होंने मांग की कि हरियाणा सरकार अपने फैसले को तुरंत वापिस ले और राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पदक विजेताओं को उचित मंच पर सम्मानित करे।
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