सत्य खबर, नारायणगढ़ (सरिता धीमान) – राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते अधिकारियों द्वारा नगरपालिका नारायणगढ़ के पार्षदों की बैठक आयोजित नहीं करवाए जाने के कारण शहरवासियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। आलम यह है कि हाउस की बैठक नहीं होने के कारण जहां शहरवासियों के दुकानों एवं मकानों के लगभग 300 नक्शे पास नहीं हो पाए वहीं मौनसून की बरसात शुरू होने के बावजूद शहर में नालों की सफाई का कार्य शुरू नहीं हो सका। नगरपालिका चेयरमैन श्रवण कुमार ने बताया कि उन्होंने सचिव नगरपालिका को लिखित में पहले दस दिन का समय देकर पार्षदों की बैठक बुलाए जाने के आदेश दिए थे और ये समय बीत जाने के बाद 48 घंटे का समय दिया कि हाउस की बैठक बुलाकर लोगों के लम्बित कार्य किए जा सकें लेकिन फिर भी बैठक नहीं बुलाई गई।
उन्होंने बताया कि हाउस की बैठक बुलाने की मांग को लेकर उन्होंने अन्य पार्षदों सहित एसडीएम नारायणगढ़ कार्यालय में धरना दिया था जिसके बाद एसडीएम ने दस दिन के अन्दर बैठक करवाने का आश्वासन दिया था लेकिन बैठक आयोजित नहीं की गई। चेयरमैन ने कहा कि सचिव नगरपालिका व एमई तथा अन्य अधिकारी राजनीतिक दबाव में काम कर रहे हैं और बार-बार आदेश देने के बावजूद भी पार्षदों की बैठक आयोजित नहीं करवा रहे हैं। चेयरमैन ने कहा कि वे अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए मौनसून को देखते हुए नालों की साफ सफाई के लिए टैंडर लगा देंगे।
उन्होंने कहा कि राजनीतिक लोगों की हठधर्मी के कारण लगभग 300 लोगों के दुकानों एवं मकानों के नक्शे पास नहीं किए जा सके जिस कारण लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उल्लेखनीय है कि नगरपालिका चेयरपर्सन जगदीप कौर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित करवाने के बाद पार्षद श्रवण कुमार अपने समर्थक पार्षदों के बल पर तत्कालीन राज्य मंत्री नायब सिंह सैनी व तत्कालीन सांसद रतन लाल कटारिया द्वरा उनके विरोध में मतदान किए जाने के बावजूद नगरपालिका नारायणगढ़ के चेयरमैन पद के चुनाव में विजयी हुए थे और तभी से प्रशासनिक अधिकारियों के साथ-साथ नगरपालिका नारायणगढ़ के अधिकारी उनका सहयोग नहीं कर रहे जिसके चलते शहर के सभी विकास कार्य लम्बित पड़े हैं। अब देखना यह होगा कि नारायणगढ़ शहर की राजनीति अपने इस निम्रतम स्तर से कब उभर पायेगी और शहरवासियों को राहत मिलेगी।
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